इंदौर में प्रॉपर्टी ब्रोकर रावत ने ही बिकवाए आर्जव अजमेरा वाली जमीन में प्लॉट, एजेंट हिरवे ने कालिंदी का नक्शा तक पास कराया

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Chandresh Sharma
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इंदौर में प्रॉपर्टी ब्रोकर रावत ने ही बिकवाए आर्जव अजमेरा वाली जमीन में प्लॉट, एजेंट हिरवे ने कालिंदी का नक्शा तक पास कराया

संजय गुप्ता, Indore. इंदौर जिला प्रशासन ने भूमाफिया चंपू अजमेरा के साथ ही उसके बेटे आर्जव अजमेरा, प्रसास कानसे, पुनित जैन, अनोखेलाल पाटीदार और नारायण पर चार सौ बीसी की एफआईआर कराई है। मामला 15 करोड़ की जमीन का है जिसमें आरोप है कि पुलक बिल्डकॉन बनाकर यह जमीन हड़पी गई, जिसमें कालिंदी गोल्ड का टीएंडसीपी से आवासीय नक्शा पास था। साथ ही रजिस्ट्री ड्यूटी भी चोरी की गई, आवासीय जमीन को खेती की जमीन बताकर खरीदी-बिक्री सौदा किया। वहीं द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार इस सर्वे नंबर 25/2 की जमीन पर दर्जन भर से ज्यादा प्लॉट लोगों को बेचे गए और करोड़ों की ठगी हुई है। वहीं यह प्लॉट बिकवाने में सबसे ज्यादा भूमिका प्रॉपर्टी ब्रोकर सत्यनारायण हिरवे और गणेश रावत की रही है। रावत वही व्यक्ति है जिसे तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह के समय डायरियों पर सौदे के चलते भारी राशि में बाउंडओवर किया गया था।     







नक्शे पर तो साइन ही हिरवे के हैं





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द सूत्र के पास मौजूद कालिंदी गोल्ड के नक्शे को देखें तो इसमें नीचे हस्ताक्षर ही सत्यनारायण के हैं। यह जमीन भूमाफियाओं को दिलवाई ही सत्यनारायण हिरवे ने थी और नक्शे पास कराने से लेकर अन्य सौदे पूरा कराने का काम उसी ने किया। भांग्या में ही रहने वाले किसान से प्रॉपर्टी ब्रोकर बने हिरवे ने ही यहां पर कई प्लॉट बिकवाएं हैं। पूरे सौदे में उसकी भूमिका सबसे संदिग्ध रही है। वहीं गणेश रावत जो इंदौर में डायरियों पर सौदे करने के लिए कुख्तात है, उसका भी इस कॉलोनी में अहम भूमिका रही है और कई प्लॉट उसके द्वारा डायिरयों पर बेचे गए, जिसमें अब लोग परेशान हो रहे हैं। इसी तरह एक अन्य एजेंट विकास गुलाटी का भी नाम सामने आया है जो चंपू के साथ जुड़ा था और कुछ सौदे कराए लेकिन चंपू ने बाद में उसी को उलझा दिया और कुछ माह वह जेल भी होकर आया। 







प्रशासन निकाल रहा सौदे की जानकारी, सोमवार को होना है सुनवाई







प्रशासन द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करने के लिए चंपू और उसका बेटा आर्जव दोनों ने ही हाईकोर्ट में सोमवार को याचिका लगा दी थी जो शुक्रवार को सुनवाई के लिए आई। हालांकि हाईकोर्ट से उन्हें अधिक राहत तो नहीं मिली लेकिन सोमवार को फिर सुनवाई होगी और पुलिस से भी केस डायरी मंगवाई गई है। उधर प्रशासन द्वारा पुलिस को तीन पन्नों का जांच प्रतिवेदन तो भेजा है लेकिन इस मामले को और पुख्ता करने के लिए इस जमीन पर पीड़ितों के प्लाट थे, उनके साथ धोखाधड़ी हुई है, इन सभी के भी दस्तावेज, प्रमाण पेश करने की जरूरत होगी। साथ ही बताना होगा कि यह नए आरोपी और धोखाधड़ी का नया केस है। अजमेरा की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिए हैं कि प्रशासन उन्हें परेशान करने के लिए नई-नई एफआईआर करा रहा है और कोर्ट तो पहले ही चंपू पर कोई भी एक्शन होने पर रोक लगा चुका है, ऐसे में नया केस नहीं बनता है। इस आरोप के जवाब प्रशासन द्वारा पेश करने के लिए दस्तावेज जरूरी होंगे, नहीं तो चंपू की तरह ही आर्जव की भी गिरफ्तारी पर रोक लग सकती है, जो शासन-प्रशासन की भूमाफिया अभियान के लिए धक्का साबित होगा।



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