Jabalpur. लोगों को घरों में एक्वेरियम के अंदर कछुए पालने का काफी शौक रहता है। लेकिन ऐसे लोगों का यह शौक उन्हें मुश्किल में डाल सकता है। दरअसल कछुए की अनेक प्रजातियां दुर्लभ वन्यजीव की श्रेणी में आती हैं। ऐसे में जबलपुर के वन विभाग की एक टीम ने शहर के 3 एक्वेरियम सेंटर्स पर छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया है। जहां से वन विभाग को दुर्लभ प्रजाति के 14 छोटे-छोटे कछुए बरामद हुए। कछुओं को वेटरनरी विभाग को सौंप दिया गया। जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें किसी जल स्त्रोत में मुक्त किया जाएगा। वहीं तीनों सेंटर्स पर वन विभाग ने मामला दर्ज कर लिया है।
मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई
दरअसल वन विभाग को यह खबर मिली थी कि कुछ एक्वेरियम सेंटर्स पर प्रतिबंधित कछुओं को बेचा जा रहा है। जिसके चलते टीम ने 3 एक्वेरियम सेंटर्स पर छापा मारा। कटंगा स्थित एक्वा हार्ट एक्वेरियम, सदर के साहू एक्वेरियम और शीला टॉकीज कॉम्पलेक्स के एक्वेरियम में यह कार्रवाई की गई। टीम अब संचालकों से यह पता लगा रही है कि वे यह प्रतिबंधित कछुए मंगाते कहां से थे।
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नर्मदा में पाए जाने वाले कछुए पाए गए
डिप्टी रेंजर अपूर्व शर्मा ने बताया कि एक्वेरियम सेंटर्स से जो कछुए बरामद हुए हैं उन्हें पालने की परमीशन नहीं है। ये कछुए जंगली और विलुप्त प्रजाति के हैं, ये नर्मदा नदी में पाए जाते हैं। इन्हें इनका भोजन नदी में ही मिलता है। एक्वेरियम और घरों में समुद्री जीवों का टर्टल फूड खाकर इनकी वृद्धि रुकी रहती है और स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। फिलहाल वेटरनरी की टीम के हवाले कछुओं को सौंपा गया है।
वास्तु, कुबेर और शान के लिए पालते हैं लोग
आमतौर पर लोग छोटे-छोटे एक्वेरियम में कछुओं को घर का वास्तु दोष मिटाने पालते हैं। हालांकि वास्तुकार धातु के कछुए रखने की सलाह देते हैं। वहीं कुछ लोग कछुओं को भगवान विष्णु का स्वरूप मानकर एक्वेरियम में रख लेते हैं तो कहीं लोग महज शान के लिए कछुओं को एक्वेरियम में रखते हैं। जिसके कारण इन्हें इनके प्राकृतिक आवास से पकड़कर बाजार में बेचने का काम चल रहा है।