मुरैना में बेटी और उसके प्रेमी को मारकर चंबल में फेंका, लाश नहीं मिली तो पुतले का हुआ अंतिम संस्कार फिर तेरहवीं

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Chandresh Sharma
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मुरैना में बेटी और उसके प्रेमी को मारकर चंबल में फेंका, लाश नहीं मिली तो पुतले का हुआ अंतिम संस्कार फिर तेरहवीं

Morena. मुरैना में एक प्रेमी युगल की ऑनर किलिंग के मामले में पुलिस पसोपेश में पड़ी है, लड़का और लड़की की लाश उसे 14 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं मिली है। जिस कारण दोनों की हत्या करने वाले लड़की के बाप पर हत्या की धारा 302 भी नहीं लगाई जा सकती। इधर लड़के के परिजनों ने लाश न मिलने के चलते बेसन का पुतला बनाकर उसका अंतिम संस्कार किया और अब उसकी तेरहवीं कराई है। दरअसल एक ही गांव के और एक ही गोत्र के लड़के और लड़की एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन गांव से भागते वक्त उन्हें लड़की के परिजनों ने पकड़ लिया और पीट-पीटकर मार डाला, इसके बाद दोनों की लाशों में पत्थर बांधकर उन्हें चंबल के अथाह पानी में फेंक दिया गया। पुलिस ने लड़की के बाप की निशानदेही पर नदी में लाशों को ढूंढने का काफी प्रयास किया लेकिन लाश तो दूर उनका एक भी हिस्सा पुलिस बरामद नहीं कर पाई। 



पुलिस की गंभीर लापरवाही




इस पूरे मामले में पुलिस ने हद दर्जे की लापरवाही की है, आरोप है कि जिस वक्त लड़की के परिजनों ने दोनों को पकड़ लिया था, उस वक्त लड़के का भाई थाने में दोनों को छुड़ाने मिन्नतें करता रहा, लेकिन पुलिस ने एक न सुनी। बाद में एसपी के फटकार के बाद पुलिस हरकत में आई लेकिन तब तक चंबल के घड़ियाल लाशों को पूरी तरह से डिसअपियर कर चुके थे। 




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    पुलिस ने फटकार के बाद लड़की के पिता राजपाल को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने रेह घाट के पास दोनों की लाशों को पत्थर बांधकर फेंकने की बात कबूल कर ली। उसने बताया कि गांव से भागते वक्त दोनों को पकड़कर विशंभर शर्मा के यहां बंधक बना लिया था, उसके बाद दोनों को रस्सियों से जकड़कर बांध दिया था। इसके बाद दोनों को लेकर रेह घाट पहुंचे, जहां राजपाल ने दोनों को इतना पीटा कि दोनों की जान चली गई थी। इसके बाद लाशों को ठिकाने लगा दिया गया। 



    मई में भी किया था भागने का प्रयास




    लड़के के पिता राधेश्याम का कहना है कि 6 मई को भी देानों ने भागने का प्रयास किया था। उस वक्त दोनों को समझाइश देकर लड़की को 11 मई को उसके परिजनों को सौंप दिया था। लेकिन राजपाल मन में बैर पाले बैठा था। पिता का आरोप है कि राजपाल ने उनके बेटे को 3 जून को नहर किनारे से अगवा किया और मार डाला। 




    लड़का-लड़की स्वजातीय थे, पर एक ही गोत्र के थे




    गांव वाले दबी जुबान में कहते पाए जा रहे हैं कि लड़का-लड़की दोनों ही तोमर जाति के थे, लेकिन उनका गोत्र एक ही था। बात समझा-बुझाकर भी निपटाई जा सकती थी। परिवार को खबर लग गई थी कि छोटू को मार दिया गया है और लाश मिलने की कोई उम्मीद नहीं है, इसलिए बेसन का पुतला बनाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। तेरहवीं पर मृत्युभोज भी कराया गया है। 



    नहीं लग पाएगी धारा 302




    कानून के मुताबिक यदि लड़का और लड़की की लाश या लाश का कोई भी अवशेष बरामद नहीं हो पाता तो आरोपी पर धारा 302 के तहत मामला दर्ज नहीं हो पाएगा। ऐसे में पुलिस के सामने यह मामला चुनौतीपूर्ण बन गया है। 

     


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