Ratlam. अभी तक आपने घूस में मिठाई का डिब्बा लेने की बात तो सुनी ही होगी, लेकिन उस मिठाई के डिब्बे में नकदी रहती थी। लेकिन रतलाम के पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर डीके जैन पर विभाग के ही कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि वह रिश्वत के तौर पर उनसे रबड़ी और समोसे मंगवाकर खाते हैं। बड़ा काम हो तो ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कराने से भी नहीं चूकते। यहां तक कि उनकी कार की सर्विसिंग का खर्च भी कर्मचारियों को बतौर रिश्वत वहन करना पड़ता है।
कलेक्टर ने थमाया नोटिस
दरअसल विभाग के कर्मचारियों की शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। एक कर्मचारी ने यह भी आरोप लगाया है कि डिप्टी डायरेक्टर छुट्टी सेंक्शन करने के लिए वेतन का 10 परसेंट लेते हैं। उधर कलेक्टर को जब इस मामले की जानकारी लगी तो डॉ डीके जैन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
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वेतन निकालने भी मांगी घूस
एक कर्मचारी धीरेंद्र पाल ने यह खुलासा किया है कि उसकी मई माह का तनख्वाह निकालने के लिए जैन ने पहले 500 रुपए रिश्वत ले ली। इसके बाद भी उसे वेतन नहीं मिला तो उसने डॉ जैन को फोन लगाया, तो उन्होंने 2 हजार रुपए की डिमांड कर दी। रुपए न देने पर 10 दिन के वेतन की कटौती करने की धमकी दे दी। धीरेंद्र ने ऑडियो रिकॉर्डिंग को लोकायुक्त को भी सौंपा था, लेकिन जैन ने उसका मोबाइल तुड़वा डाला और शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा है।
लंबी है शिकायतों की फेहरिस्त
ताज्जुब की बात यह है कि डीके जैन के खिलाफ शिकायतों की फेहरिस्त काफी लंबी है, लेकिन बावजूद इसके अब तक उन पर न तो लोकायुक्त ने हाथ डाला है और न ही विभाग ने उन पर कोई कार्रवाई की है। मामला मचने के बाद कलेक्टर ने महज नोटिस देकर जवाब मांगा है।
जानबूझकर फंसाए जाने की दी सफाई
गंभीर आरोपों पर प्रभारी उपसंचालक डॉ. डीके जैन का कहना है कि उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने भृत्य धीरेंद्र पाल को उधार रुपए दिए थे, जिन्हें वापस लेने के लिए फोन पर सैलरी रोकने की बात कही थी।