शिवपुरी में 40 जाटव समाज के परिवारों ने सनातन छोड़ बौद्ध धर्म अपनाया, कहा- भागवत कथा में छुआछूत की, पत्तल उठाने का दिया काम

author-image
BP Shrivastava
New Update
शिवपुरी में 40 जाटव समाज के परिवारों ने सनातन छोड़ बौद्ध धर्म अपनाया,  कहा- भागवत कथा में छुआछूत की, पत्तल उठाने का दिया काम

SHIVPURI. सनातन धर्म के जबरदस्त प्रचार-प्रसार के बीज शिवपुरी से एक चौंकाने वाली खबर आई है। यहां के करैरा तहसील के बहगवां गांव में छुआछूत का आरोप लगाते हुए 40 जाटव समाज के परिवारों ने सनातन धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया है। घटना 31 जनवरी की है, लेकिन अब वीडियो सामने आया है।

जानकारी के मुताबिक, ग्राम बहगवां में 31 जनवरी को श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हुआ था। जाटव समाज के लोगों का कहना है कि आयोजन में सभी समाज और लोगों को अलग-अलग काम सौंपे गए थे। वहां जाटव समाज को झूठी पत्तल उठाने का काम दिया गया। इसके चलते उन्होंने भंडारे से एक दिन पहले बौद्ध धर्म अपना लिया।

31 जनवरी को समाज के लोगों ने बौद्ध धर्म गुरु को गांव बुलाया था। टेंट लगाकर कार्यक्रम का आयोजन किया।

बौद्ध धर्म गुरु ने ये शपथ दिलाई...

adopted Buddhism.jpg

मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं राम और विष्णु को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं गौरी, गणपति इत्यादि हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवता को नहीं मानूंगा और न ही उनकी पूजा करूंगा।

मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है। मैं ये बात कभी नहीं मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार हैं। मैं ऐसे प्रचार को पागलपन और झूठा प्रचार समझता हूं।

मैं श्राद्ध कभी नहीं करूंगा और ना ही पिंडदान करूंगा। मैं कोई भी क्रिया कर्म ब्राह्मणों के हाथों नहीं कराऊंगा। मैं इस सिद्धांत को मानूंगा कि सभी मनुष्य एक समान हैं। मैं समानता की स्थापना के लिए प्रयत्न करूंगा। मैं भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलने का प्रयास करूंगा।

मैं प्राणी मात्र पर दया करूंगा। उनका लालन-पालन करूंगा। मैं कभी चोरी नहीं करूंगा, झूठ नहीं बोलूंगा, झूठ का प्रचार नहीं करूंगा, शराब नहीं पियूंगा। मैं अपने जीवन को बौद्ध धर्म के तीन तत्वों ज्ञान, शील, करुणा के अनुसार ढालने का प्रयत्न करूंगा।

मैं मनुष्य की उत्कृष्टता के लिए हानिकारक, मनुष्य मात्र को नीच मानने वाले पुराने हिंदू धर्म को पूर्णत त्यागता हूं और बौद्ध धर्म को अपनाता हूं। मैं पूर्ण विश्वास करता हूं कि बौद्ध धर्म ही सर्वधर्म है। मैं यह मानता हूं कि मेरा नया जन्म हो रहा है। मैं यह प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं आज से बौद्ध धर्म के अनुसार आचरण करूंगा।

adopted Buddhism1.jpg

झूठी पत्तल उठाने को बुरा काम समझा और बदल लिया धर्म

भीम आर्मी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य महेंद्र बौद्ध ने बताया, गांव में भंडारे में सभी समाज को काम बांटे गए। जाटव समाज को पत्तल परोसने और झूठी पत्तल उठाने का काम दिया गया। इस दौरान गांव के किसी व्यक्ति ने कहा, जाटव समाज के लोग पत्तल परोसेंगे तो पत्तल वैसे ही खराब हो जाएगी। ऐसे में इनसे सिर्फ झूठी पत्तल उठवाने का काम करवाया जाए। इसके बाद गांववालों ने कह दिया कि झूठी पत्तल उठाना है तो उठाओ, नहीं तो खाना खाकर अपने घर जाओ। इसी व्यवहार के कारण जाटव समाज ने धर्म बदल लिया।

सरपंच बोले- बौद्ध भिक्षु ने बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवाया

गांव के सरपंच गजेंद्र रावत का कहना है कि जाटव समाज के आरोप निराधार हैं। समाज के लोगों ने एक दिन पूर्व ही अपने हाथ से केले का प्रसाद बांटा था। पूरे गांव ने प्रसाद लिया और खाया भी। गांव में बौद्ध भिक्षु आए थे, उन्होंने लोगों को बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवाया है।

रावत ने कहा, पूरे गांव में किसी भी तरह का काम किसी समाज विशेष को नहीं बांटा गया था। सभी ने मिलजुल कर सारे काम किए हैं। अन्य समाज के लोगों ने भी परोस करवाई और झूठी पत्तल उठाई हैं। उनके साथ छुआछूत क्यों नहीं की गई। जाटव समाज ने जो चंदा दिया था, वो उन्होंने वापस ले लिया। गांववालों ने उसकी पूर्ति के लिए दोबारा से चंदा भी किया है।





Madhya Pradesh News मध्यप्रदेश न्यूज Sanatanis adopted Buddhism in Shivpuri 40 Jatav families adopted Buddhism Jatav community accused of untouchability शिवपुरी में सनातनियों ने अपनाया बौद्ध धर्म 40 जाटव परिवारों ने अपनाया बौद्ध धर्म जाटव समाज ने लगाया छूआछूत का आरोप