BHOPAL. विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मध्यप्रदेश समेत 4 राज्यों में निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग पूरी तरह से तैयार है। इस बार दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक ज्यादा से ज्यादा मतदान कर सकें इसके लिए सक्षम एप के माध्यम से घर बैठे मतदान की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इस बार मप्र में 5.52 करोड़ मतदाता नई सरकार को चुनेंगे। यह जानकारी भी दी गई कि इस बार 18.86 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली मर्तबा अपने मताधिकार का प्रयोग करने जा रहे हैं।
5 हजार पिंक बूथ बनेंगे
निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया कि आयोग ने दो दिन में समस्त राजनैतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की। पार्टियों की मांग थी कि एक ही परिवार के लोगों का बूथ एक हो। धनबल और बाहुबल पर अंकुश लगाया जाए, साथ ही फेक न्यूज बंद की जाए। इस मौके पर चुनाव आयोग की ओर से बताया गया कि 230 विधानसभा में एईआरओ नियुक्त किए गए हैं। 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर बूथ की वेबकास्टिंग कराई जाएगी, ताकि किसी भी गड़बड़ी की तुरंत जानकारी मिल सके। वहीं 5 हजार मतदान केंद्रों को पूरी तरह से महिलाएं मैनेज करेंगी, सुरक्षा का जिम्मा भी महिलाओं के पास ही रहेगा।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर भी रहेगी नजर
खास बात यह है कि चुनावों के दौरान इस बार चुनाव आयोग की नजर बैंक और पोस्टऑफिस के खातों पर भी रहेगी। चुनाव के दौरान आयोग बल्क ट्रांजेक्शन पर नजर रखेगा, ताकि राजनैतिक दल या प्रत्याशी ऑनलाइन लोगों को पैसा न बांट सके। सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि संविधान के मुताबिक हमारा काम समय पूरा होने से पहले चुनाव कराना है। 6 माह पहले से तैयारी शुरु कर सकते हैं, हमारी तैयारी पूरी है।
ऐप भी करेगा मदद
चुनाव आयोग ने बताया है कि इन विधानसभा चुनावों के लिए CVIGIL ऐप भी लॉन्च किया जा रहा है। इस ऐप के जरिए पैसों के अवैध वितरण या किसी भी गड़बड़ी की शिकायत नागरिक कर सकेंगे। शिकायत के 100 मिनट में मौके पर पुलिस और आयोग की टीम पहुंच जाएगी। इस ऐप के जरिए मतदाता अपने उम्मीदवार का बैकग्राउंड भी पता चल सकेगा। एप में उम्मीदवार की केवायसी उपलब्ध होगी, यानि पता किया जा सकेगा कि उम्मीदवार की शिक्षा कितनी है, उस पर कितने मामले दर्ज हैं।
सोशल मीडिया/फेक न्यूज पर निगाह
फेक न्यूज और सोशल मीडिया को लेकर राजनैतिक दलों द्वारा जताई गई आशंका के मद्देनजर आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों की जवाबदेही तय की है। सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इससे पहले मीडिया पर निगाह के लिए एमसीएमसी का गठन किया जाता था, माना जा रहा है उसका और विस्तार किया जाएगा।