VIDISHA. जिला अस्पताल की मर्चुरी में रखे एक बुजुर्ग के शव को चूहों ने कुतर कर क्षतिग्रस्त कर दिया। चूहों ने शव की नाक और हाथ को कुतर दिया। जब परिचित शव लेने पहुंचे तो शव को देखकर बदहवास हो गए। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने मर्चुरी में चूहों के पहुंचने की संभावनाएं ना के बराबर बताई हैं, साथ ही मामले की जांच कराने की बात कही है।
एक्सीडेंट में हो गई थी मौत
विदिशा के लालपुरा इलाके में रहने वाले 78 वर्षीय रमेश घोंसले महाराष्ट्र के रहने वाले थे। वह अकेले ही विदिशा में रहते थे। वे रोज रामलीला चौराहे पर घूमने जाते थे। शुक्रवार (2 मई) को 4 बजे के करीब रामलीला चौराहे से चाय पीकर वापस घर आ रहे थे, इसी दौरान तेज रफ्तार बुलेट ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनके सिर और गर्दन में चोट आई। आसपास मौजूद लोगों ने उनके दोस्त सुरेंद्र दुबे को कॉल करके बुलाया। फिर इलाज के लिए उनको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान देर शाम को उन्होंने दम तोड़ दिया। एक्सीडेंट का मामला होने के कारण शव का पोस्टमॉर्टम होना था। रात होने के कारण शव को मर्चुरी रूम में रखवा दिया गया। जहां रात में शव को चूहों ने कुतर दिया। अस्पताल की लापरवाही पर परिचितों ने नाराजगी जाहिर की। सुरेंद्र दुबे ने कहा कि जब रमेश को अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उनका कोई भी अंग क्षतिग्रस्त नहीं था। लेकिन सुबह देखा तो उनकी नाक और हाथ को चूहों ने कुतर दिया था।
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क्या कहना है अस्पताल का
मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ.अनूप वर्मा का कहना है कि इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मर्चुरी में चूहों के पहुंचने की संभावनाएं ना के बराबर हैं। यदि चूहे मर्चुरी में पहुंचे हैं तो इसकी जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
देहदान का संकल्प लिया था
रमेश पिछले 40 साल से परिचित के घर में रहते थे। उन्होंने अपनी देहदान का संकल्प लिया था। उनकी मौत एक्सीडेंट के कारण हुई थी। इसलिए कानूनन पोस्टमॉर्टम किया जाना था। क्योंकि पोस्टमॉर्टम का नियम है कि उसे दिन की रोशनी में किया जाता है इसलिए शव को रात में मर्चुरी में रखा गया था।