विदिशा की पंचायत में 40 जिंदा लोगों को कागजों पर मारा, एसपीआर पोर्टल सवालों के घेरे में, सरपंच ने साजिश दिया करार

author-image
Chandresh Sharma
एडिट
New Update
विदिशा की पंचायत में 40 जिंदा लोगों को कागजों पर मारा, एसपीआर पोर्टल सवालों के घेरे में, सरपंच ने साजिश दिया करार

Vidisha. हाल ही में शिवपुरी में 26 जिंदा लोगों मृत बताकर उनके कफन-दफन की अनुग्रह राशि हड़पे जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि विदिशा के कुरवाई क्षेत्र की ग्राम पंचायत खजुरिया जागीर में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां पंचायत के 40 लोग जो अभी भी जीवित और स्वस्थ हैं उन्हें एसपीआर पोर्टल से मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि ऐसा करके शासन को किसी प्रकार का चूना तो नहीं लगाया गया है, इसकी तस्दीक की जा रही है। मामले का खुलासा तब हुआ जब 5 लोगों ने इस बाबत शिकायत की कि उन्हें मृत बता दिया गया है, पोर्टल का रिकॉर्ड खंगाला गया तो ऐसे 40 लोगों के नाम सामने आए हैं, जो जीवित हैं और पोर्टल में मार दिए गए। 



महिला सरपंच का दावा उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास




इधर ग्राम पंचायत सरपंच वर्षा राजपूत ने इस पूरे कांड को उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास करार दिया है। उन्होंने जनपद सीईओ और थाना प्रभारी को दी गई शिकायत में कहा है कि ग्राम पंचायत के एसपीआर पोर्टल पर पिछले कुछ दिनों से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अनाधिकृत प्रवेश किया गया है। जिसके बाद डाटा से छेड़छाड़ की गई और कुछ जिंदा लोगों को मरा दर्शाया गया है। 



पंचायत सचिव के पास होती है पूरी जानकारी




बता दें कि एसपीआर पोर्टल की समस्त जानकारी पंचायत सचिव के पास होती है। इसमें सरपंच को कोई हस्तक्षेप नहीं होता। दरअसल वर्षा राजपूत बीजेपी महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनैतिक द्वेष के चलते यह विरोधियों द्वारा की गई कारस्तानी है। 



जिंदा साबित करने में होती है बहुत परेशानी




सरकारी कार्यप्रणाली ऐसी ही है कि यदि कोई व्यक्ति कागजों में मृत घोषित हो जाए, तो फिर उसे खुद के जिंदा होने की बात साबित करने में ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है। कई-कई बार तो इस काम में सालों भी बीत जाते हैं, लेकिन कागजों में मरा व्यक्ति जिंदा नहीं हो पाता। 


Vidisha News विदिशा न्यूज़ I am alive killed 40 living people on paper SPR portal under question जिन्दा हूँ मैं 40 जिंदा लोगों को कागजों पर मारा एसपीआर पोर्टल सवालों के घेरे में