संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर प्रशासन और नगर निगम की बड़ी लापरवाही ? नगर निगम ने श्रीराम नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था अशरफ नगर के जिन सर्वे नंबर को वैध करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है, इसमें अधिकांश सर्वे नंबर अभी भी लैंड रिकॉर्ड में भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया के नाम पर है। इसमें एक सर्वें नंबर तो ईडी के अटैचमेंट में ही है और मद्दा के नाम पर दर्ज जमीनों के अन्य सर्वे नंबरों को भी ईडी अटैचमेंट की प्रक्रिया कर रहा है। वहीं 2 सर्वे नंबर तो खजराना गणेश प्रबंध समिति यानी खुद कलेक्टर इंदौर के ही नाम पर हैं, तो फिर ये सर्वे नंबर वैध कॉलोनी के दायरे में कैसे आ सकते हैं ? अशरफ नगर में शामिल सर्वे नंबर दरअसल मद्दा की हिना पैलेस से लगे हुए हैं। जिसे लेकर मद्दा पर भूमाफिया अभियान में एफआईआर भी हो चुकी है और वे सालों से इन सर्वे नंबरों को वैध कॉलोनी में कराने में लगा हुआ था जो अब खुद निगम, प्रशासन करने जा रहा है। इधर इंदौर के कलेक्टर इलैयाराजा ने पूरे मामले में कहा कि ये एक सामान्य प्रोसीजर है। जिसमें कोर्ट के माध्यम से दावे-आपत्ति बुलाए जाते हैं। किसी को कोई वैधता नहीं दी जा रही है।
एसडीएम धनगर ने इन सर्वे नंबर के लिए दावे-आपत्ति मंगाए
एसडीएम जूनी इंदौर घनश्याम धनगर द्वारा सूचना जारी की गई है। जिसमें श्रीराम नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था असरफ नगर (सर्वे नंबर 106, 1018, 1019/2, 1020, 1023/1, 1024, 1027, 1030, 1031, 1033, 1034, 1035, 1036/1, 1036/3, 1037, 1038/1, 1038/3, 1040, 1043/1, 1043/3, 1048, 1049/2, 1051, 1059/1, 1063/2, 1067, 1069, 1070, 1071/1, 1072, 1094/1, 1094/2/2, 1028/1437/1015/1435, 1004 तथा 1527 कुल रकबा 8.861 हेक्टेयर) के नियमितीकरण की जानकारी देते हुए 7 दिन में कलेक्टोरेट के कक्ष 204 में आपत्ति बुलाई गई है।
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अब देखिए इन सर्वे नंबरों की सरकार के ही लैंड रिकॉर्ड से स्थिति
- सर्वे नंबर 1018, 1027 खजराना प्रबंध समिति के नाम पर ही है, यानि खुद कलेक्टर के नाम पर है
इसके साथ ही इन सर्वे नंबरों के पास की जमीन सर्वे नंबर 1133, 1134, 1147, 1187, 1188, 1189 1098, 1095 के विविध बटांकन है की 3.180 हेक्टेयर जमीन समता रियलिएट की नाम होकर ईडी के अटैचमेंट प्रोसेस में हैं। हालांकि यह जमीन अशरफ नगर में होकर नियमितीकरण में शामिल नहीं है।
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जो वैध है उस अयोध्यापुरी को ही रोक दिया
निगम की नियमितिकरण की प्रक्रिया को लेकर इसलिए भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि जो कॉलोनी अयोध्यापुरी 23 साल से वैध की लड़ाई लड़ रही है उसे केवल इन्हीं भूमाफियाओं दीपक मद्दा, प्रतीक संघवी और मुकेश खत्री के डायरेक्टरशिप वाली सिम्पलेक्स मेगा फाइनेंस की आपत्ति के कारण रोककर रखा गया है। निगम ने इन भूमाफियाओं की आपत्ति को लेकर प्रशासन, सहकारिता को ही पत्र जारी कर दिया और जवाब मांग लिया। जबकि साल 2008 में ही सभी आपत्तियों का निराकरण हो चुका था। इसी तरह पुष्पविहार जैसी कॉलोनी के लोग सालों से नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं और ये अटकी हुई है।
क्या कलेक्टर और ईडी लगाएंगे आपत्ति ?
कलेक्टर इलैया राजा टी का कहना है कि जमीन को लेकर जो दावे-आपत्ति आएंगे उनके आधार पर फैसला होगा। इसमें 2 सर्वे नंबर खजराना गणेश मंदिर समिति के नाम के हैं, इसके मुखिया कलेक्टर ही हैं। क्या इसे लेकर कलेक्टर या मंदिर समिति आपत्ति लगाएंगे। दूसरा सवाल ये कि कुछ सर्वे नंबर ईडी ने अटैच किए हैं और दीपक मद्दा के अन्य सर्वे नंबर को भी अटैच करने की प्रोसेस चल रही है। क्या ईडी भी आपत्ति लगाएगी। अगर कलेक्टर और ईडी 7 दिन में दावे-आपत्ति नहीं लगाते हैं तो क्या ये सर्वे नंबर अशरफ नगर कॉलोनी के नियमितिकरण में शामिल माने जाएंगे। वहीं जानकारों का साफ कहना है कि कायदे से ये प्रस्ताव बनना ही नहीं था। जो सर्वे नंबर खासकर खजराना गणेश मंदिर के नाम पर पहले से हैं वो किसी कॉलोनी के नियमितिकरण में कैसे शामिल हो सकते हैं। इसमें नगर निगम में निचले स्तर पर जो प्रस्ताव बना, वो पहले से ही गलत बना। उन्हें सर्वे नंबर चेक करके पहले से ही अलग कर देना था। पूरे मामले में माना जा रहा है कि निगम या प्रशासन ने इस मामले में भारी चूक की है। इस वजह से कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
कलेक्टर इलैयाराजा ने क्या कहा
इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा ने कहा कि ये एक सामान्य प्रोसीजर है। जिसमें कोर्ट के माध्यम से दावे-आपत्ति बुलाए जाते हैं। किसी को कोई वैधता नहीं दी जा रही है। आपत्ति आने के बाद निराकरण किया जाएगा।