ज्ञानेंद्र पटेल, INDORE. इंदौर में सहकारिता विभाग में जमीन के चल रहे खेल की फिर पोल खुल गई। विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक और परिसमापक प्रवीण जैन को लोकायुक्त ने 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए विभाग के श्रम शिविर के दफ्तर में ही रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त की टीम ने शाम करीब 6 बजे विभाग के दफ्तर में दबिश दी और जैन को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ लिया। जैन संस्थान में एक प्लॉट की NOC देने का नाम पर डेढ़ लाख रुपए की मांग कर रहे थे। इसके लिए पीड़ित प्लॉटधारक को लंबे समय से परेशान कर रहे थे।
डेढ़ लाख रुपए की मांगी थी रिश्वत
जैन विश्वास गृह निर्माण संस्था के प्रशासक बने हुए थे। इसी संस्था के एक प्लॉटधारक पीड़ित कुशाग्र शर्मा NOC मांग रहे थे। इसके लिए जैन ने फरियादी से डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। आखिर में 1 लाख 15 हजार पर बात तय हुई। इसी रिश्वत की किश्त 50 हजार रुपए लेते हुए उन्हें पकड़ा गया। कार्रवाई डीएसपी प्रवेश बघेल, कार्यवाहक निरीक्षक विक्रम सिंह चौहान और टीम ने की। रिश्वत की राशि जैन के बैग में रखी हुई मिली।
प्रवीण जैन बोले थे- 'इससे कम तो करूंगा ही नहीं'
फरियादी शर्मा ने द सूत्र को बताया कि उन्होंने जैन को अपनी आर्थिक स्थिति बताते हुए रिश्वत कम करने की बात कही थी। फिर वे 1 लाख 15 हजार रुपए में तैयार हुए और साफ कहा कि इससे कम में तो मैंने विश्वास संस्था में किसी की NOC की ही नहीं, तो इससे कम तो करूंगा ही नहीं।
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कई बड़ी संस्थाओं की जिम्मेदारी संभाल रहे जैन
जैन केवल विश्वास ही नहीं बल्कि कई और संस्थाओं के प्रशासक और अन्य जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्हें NOC देने का अधिकार भी नहीं था, इसके बाद भी वे ये मांग कर रहे थे और पूरा खेल चल रहा था। प्रवीण जैन सहकारिता विभाग के उन चुनिंदा अधिकारियों में रहे हैं जिन्होंने शहर की कई बड़ी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की जांच की है। साथ ही प्रवीण जैन बड़ी क्रेडिट सोसाइटियों के प्रशासक भी बन रहे। जैन लंबे समय से इंदौर में जमे हुए हैं।