INDORE. मप्र की इंदौर क्राइम ब्रांच ने नगर निगम अफसर बनकर सराफा व्यापारी से ठगी करने वाले बदमाश ने पूछताछ में नया खुलासा किया है। पुलिस रिमांड में बताया कि 26 मई को उसने गीतांजलि ज्वेलर्स के शोरूम में फोन लगाकर 20 ग्राम का सोने का सिक्का नगर निगम ऑफिस लाने का कहा। उससे पहले आरोपी ने 50 से ज्यादा ज्वेलर्स को फोन करके सोने का सिक्के खरीदने और उन्हें पार्सल करने के लिए कहा था। लेकिन सभी ज्वेलर्स ने उससे पहले पेमेंट मांगा। इसके बाद ही सिक्के की डिलीवरी का कहा। लेकिन गीतांजलि ज्वेलर्स कैश ऑन डिलीवरी पर राजी हो गया।
10 जून तक पुलिस की रिमांड में आरोपी
इंदौर क्राइम ब्रांच ने नगर निगम अफसर बनकर सराफा व्यापारी से ठगी करने वाले बदमाश को 10 जून तक रिमांड पर लिया है। आरोपी ने इंदौर के सराफा कारोबारी से 20 ग्राम का सोने का सिक्का खरीदकर जबलपुर के सराफा व्यापारी को बेचा था। अब आरोपी को लेकर पुलिस जबलपुर जाएगी। वहां सोने का सिक्का खरीदने वाले व्यापारी से पूछताछ करेगी। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी तरुण ने बताया कि उसने अफसरों जैसे हावभाव और बात करने का लहजा वेब सीरीज देख-देखकर सीखा है।
गूगल से सराफा कारोबारियों का निकालता था नंबर
आरोपी गूगल से सराफा कारोबारियों के नंबर निकालता फिर उनसे निगम अधिकारी बनकर सोना अपने बताए स्थान पर बुलाकर यह कहते हुए टैक्सी ड्राइवर को दिलवा देता था, कि वह ऑफिस में है सोने का पार्सल टैक्सी ड्राइवर को देकर पैसे लेने ऑफिस में लेने आ जाना। इस प्रकार की घटना ठग 50 से ज्यादा अलग-अलग जिले के सराफा व्यापारियों के साथ कर चुका है।
जबलपुर से आरोपी हुआ गिरफ्तार
क्राइम डीसीपी निमीष अग्रवाल के अनुसार एक सराफा व्यापारी के साथ नगर निगम का अधिकारी बनकर एक ठग ने नगर निगम के बाहर 20 ग्राम सोना लेकर ठगी की थी। ठगी होने पर फरियादी ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी। जांच में व्यापारी के मोबाइल पर आए कॉल व तकनीकी साधन से क्राइम ब्रांच ने ठग तरुण सचदेवा निवासी नेपियर टाउन जबलपुर को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 50 से 60 सराफा व्यापारियों के साथ इस प्रकार की घटना को अंजाम दे चुका है। मामले में पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है, जिसमें अन्य खुलासा होने की संभावना है।
ऐसे देता था वारदात को अंजाम
पुलिस के मुताबिक आश्चर्य की बात तो यह है कि आरोपी घटनास्थल पर आए बगैर ही सराफा कारोबारी को अपने झांसे में ले लेता था। वहीं, आरोपी तरुण सचदेव ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह गूगल से सराफा कारोबारियों के मोबाइल नंबर निकालता था, फिर अलग-अलग आवाज में व्यापारियों से बात कर खुद को निगम अधिकारी बताता था। इसके चलते व्यापारी झांसे में आ जाते थे। इसके बाद रौब झाड़कर उन्हें अलग-अलग जगह बुलाता और टैक्सी बुक कर सोने का पार्सल टैक्सी ड्राइवर को दिलवाकर उन्हें ऑफिस में आने का बोल मोबाइल बंद कर लेता था।
इस प्रकार की थी ठगी
निगम अधिकारी बनकर तरुण सचदेव ने फरियादी को फोन लगाया और उसे निगम के नजदीक आने के लिए कहा। जब सराफा कारोबारी एमजी रोड थाने तक पहुंचा तो उसे निगम के गेट पर बुलाकर बोला टैक्सी खड़ी है ड्राइवर को पार्सल दे दो और मेरे ऑफिस में आकर पैसे ले जाओ। जैसे ही व्यापारी पार्सल देकर ऑफिस में जानकारी निकाली तो अधिकारी ने किसी भी प्रकार का माल नहीं मंगाना बताया। बाहर जाकर देखा तो टैक्सी ड्राइवर भी गाड़ी लेकर निकल चुका था। आरोपी टैक्सी ड्राइवर को पार्सल खंडवा की बस में रखने को बोल देता था।
अपराधिक रिकार्ड खंगाल रही पुलिस
तरुण के बारे में पुलिस जबलपुर में भी आराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है। साथ ही यह सिक्का तरुण ने जबलपुर के एक सोना कारोबारी को बेचा था। पुलिस जबलपुर जाकर इसी कारोबारी से पूछताछ करेगी। पुलिस के मुताबिक तरुण खुद को कभी नगर निगम तो कभी दूसरे विभाग का अफसर बताकर ठगी करता है। उसने जबलपुर और आसपास के शहरों में इसी तरह से अपराध किए हैं। इसके चलते पुलिस जबलपुर सहित अन्य शहरों में उसके नेटवर्क और परिवार की भी जानकारी निकाल रही है।
पुलिस ने मोबाइल और सिम जब्त किया
तरुण ने जिस मोबाइल से गीताजंलि ज्वेलर्स और अन्य ज्वेलर्स से संपर्क किया था। पुलिस ने वह जब्त कर लिया है। आरोपी के मोबाइल की कॉल डिटेल और जरूरी डाक्यूमेंट भी जब्त किए हैं।