संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर प्रिया आशीष पटेल उलझ गई है। उन्होंने 27 जून 2023 में अपने एक आदेश के दौरान जिला कोर्ट के जारी आदेश की ही गलत व्याख्या कर दी और कोर्ट की लाइन को अलग तरीके से अपने आदेश में लिखा। इस मामले में चली सुनवाई के दौरान जिला कोर्ट ने उनके आदेश को जानबूझकर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के रूप में देखा और नाराजगी व्यक्त की। इसके लिए संभागायुक्त इंदौर को पत्र लिखने के लिए भी कहा। साथ ही इसकी सूचना शासन स्तर पर देने की भी बात आदेश में लिखी गई।
जिला कोर्ट ने एसडीएम प्रिया पटेल के लिए यह लिखा
कोर्ट द्वारा इस तरह का कोई आदेश पारित नहीं किया गया कि पंजीयक लोक न्यास ट्रस्ट जूनी इंदौर से कोर्ट को उचित प्राप्त करना हो। बल्कि इस प्रकरण से साफ है कि आदेश दिनांक 23 सितंबर 2022 का जानबूझकर पालन नहीं किया गया है और बिना किसी आधार के यह उल्लेख किया गया है कि उक्त न्यायालय को आदेशानुसार आदेश पारित करने का क्षेत्राधिकार नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि एसडीएम भिचौली हप्सी द्वारा जानबूझकर विधि के विपरीत इस कोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन नहीं किया गया। विवेचना में यह भी पाया गया है कि एसडीएम भिचौली हप्सी प्रिया आशीष पटेल ने इस कोर्ट के 23 सितंबर 2022 के पारित आदेश का जानबूझकर पालि नहीं किया है। इसलिए इस संबंध में उचित कार्रवाई के लिए संभागायुक्त इंदौर को लिखा जाकर पत्र की प्रतिलिपि सचिव सामान्य प्रशासन विभाग मप्र शासन को भेजी जाए। साथ ही एसडीएम भिचौली को निर्देश दिया जाता है वह दस्तावेज व चार्ज के संबंध में 20 फरवरी तक आदेश पारित करे।
क्या है मामला
शिकायकर्ता राजू बौरासी ने सकल पंच सार्वजनिक श्रीराम मंदिर ट्रस्ट को लेकर रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट जूनी इंदौर को शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि ट्रस्टियों द्वारा मंदिर का रखरखाव सही तरह से नहीं हो रहा है, दान की राशि का भी दुरूपयोग हो रहा है। रजिस्ट्रार ने मामला संबंधित एसडीओ भिचौली हप्सी (प्रिया आशीष पटेल) के पास भेज दिया। उन्होंने आदेश पारित करते हुए मंदिर की संपत्ति के रखरखाव, वित्तीय लेन-देन की जांच के लिए अंतरिम समिति बनाई जिसमें पूर्व पार्षद जितेंद्र चौधरी व पूर्व एल्डरमेन नंदूर बौरासी को रखा गया। यह भी लिखा कि यह समिति रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट के अधीन रहते हुए काम करेगी। मंदिर ट्रस्टी भागीराथ बौरासी कोर्ट गए जिस पर कोर्ट ने अंतरिम समिति बनाने के आदेश को अपास्त करते हुए कहा कि एसडीएम ट्रस्ट के दस्तावेज व चार्ज संबंधी उचित आदेश पारित करे। लेकिन इस मामले में लंबे समय तक एसडीएम ने आदेश ही पारित नहीं किया। इसमें अवमानना याचिका हाईकोर्ट में लगी, इसमें 15 दिन में आदेश पारित करने के लिए कहा गया।
एसडीएम ने कोर्ट के आदेश के साथ इस तरह की गड़बड़ी
इस विवाद के बाद 27 जून 2023 को प्रिया पटेल ने आदेश जारी करते हुए लिखा कि- वादोक्त ट्रस्ट के दस्तावेज व चार्ज से संबंधइत आदेश पारित करने का इस न्यायालय को क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। अत: माननीय सत्रहवें अपर सत्र न्यायाधीश महोदय इंदौर के आदेशानुसार ट्रस्ट के संबंध में पंजीयक लोक न्यास जूनी इंदौर से उचित आदेश प्राप्त करें। जबकि कोर्ट का आदेश यह था कि- एसडीएम ट्रस्ट के दस्तावेज व चार्ज के संबंध में उचित आदेश पारित करें।
बीजेपी नेता को चांटा मारने से चर्चा में आ चुकी है प्रिया पटेल
प्रिया पटेल, राजगढ़ मे डिप्टी कलेक्टर रहते हुए बीजेपी नेताओं द्वारा निकाली तिरंगा यात्रा के दौरान चांटा मारने से चर्चा में आ चुकी है। इसके बाद कलेक्टर निधि निवेदिता को तो बीजेपी सरकार बनने के बाद लूपलाइन में भेज दिया गया, लेकिन प्रिया पटेल बाद में इंदौर पदस्थ हो गई। इस पदस्थापना के लिए भी उन्होंने अपना होम टाउन बदलवाया, वह मूल रूप से मांगलिया इंदौर की ही है, इंदौर पदस्थापना के लिए उन्होंने अपना होमटाउन बदलवाया था। वहीं पहले उनकी पोस्टिंग संभागायुक्त कार्यालय में हुई लेकिन दो दिन बाद ही आदेश संशोधित हुए और वह इंदौर कलेक्टोरेट में आ गई। वह एसडीएम भिचौली रही लेकिन अगस्त 2023 में तत्कालीन कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने उन्हें वहां से हटाकर शाखाओं का प्रभारी बना दिया।