इंदौर ईडी ने मद्दा केस में मजदूर पंचायत, अयोध्यापुरी, श्रीराम, हिना पैलेस, कल्पतरू, न्यायनगर को लिया है जांच में, सभी में बड़े लोग

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Neha Thakur
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इंदौर ईडी ने मद्दा केस में मजदूर पंचायत, अयोध्यापुरी, श्रीराम, हिना पैलेस, कल्पतरू, न्यायनगर को लिया है जांच में, सभी में बड़े लोग


संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसौदिया को केवल मजदूर पंचायत की सोसायटी पुष्पविहार और देवी अहिल्या सोसायटी की अयोध्यापुरी की जमीन फर्जीवाड़े में गिरफ्तार नहीं किया है। द सूत्र के पास आई खास जानकारी के अनुसार मद्दा को इन दोनों मामलों के साथ ही न्यायनगर और त्रिशला संस्था में मिलकर हुए घोटाले, श्रीराम संस्था और हिना पैलेस में हुए जमीन की धोखाधड़ी के साथ ही कल्पतरू सोसायटी की राशि उसके खाते में जाने के मामले में भी गिरफ्तारी ली है। इन सभी सोसायटी में मद्दा के जिन सभी के साथ लेन-देन है, वह सभी इस जांच के दायरे में आ रहे हैं।



चौंकाने वाली बात ईडी ने एक साल पहले ही कर लिया था केस दर्ज

द सूत्र के पास मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने भले ही सुरेंद्र संघवी उनके बेटे प्रतीक संघवी और मद्दा के यहां छापे 11 मई 2023 को मारे हैं, लेकिन मनी लॉण्ड्रिंग में ecir/42/inszo/2022 के तहत मनी लाण्ड्रिंग एक्ट पीएमएलए 2022 में केस तो 17 जून 2022 को ही रजिस्टर्ड हो चुका था। केस रजिस्टर्ड होने के बाद ईडी ने गुपचुप जांच की और इसके बाद फिर सब तरफ से पुख्ता होने के बाद इस मामले में 11 मई को छापे मारे गए। छापे के पहले इंदौर जिला प्रशासन और पुलिस कमिशनर से पूरी रिपोर्ट ली गई जिसमें संघवी और मद्दा को सोसायटी के घोटालों का मास्टमाइंड बताते हुए 9108 करोड़ का पूरा घोटाला बताया गया। इसके बाद छापे मारे गए।



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ईडी ने जांच में यह सभी केस लिए हैं हाथ में



ईडी ने प्रारंभिक जांच में आधा दर्जन मामले मद्दा के हाथ में लिए हैं। इन सभी में मद्दा की भूमिका पाई गई है। ईडी ने पहले अन्य लोगों से बयान लिए हैं और अब इन बयानों को मद्दा के बयान से क्रॉस चेक किया जाना है। अभी तक मद्दा ज्यादा मुंह नहीं खोल रहा है। 




  • मजदूर पंचायत मामला- मजदूर पंचायत सोसायटी की पुष्पविहार कॉलोनी की जमीन को लेकर ईडी जांच कर रहा है, जिसमें आरोप है कि उसने अफने साले दीपेश जोन को अध्यक्ष और भाई कमलेश जैन को उपाध्यक्ष बनाकर जमीन बेचने का काम किया। इसमें केशव नाचानी (हनी) और ओमप्रकाश धनवानी (टनी) को जमीन बेची, जिसमें दोनों ने 50-50 लाख के कुल 8 चेक दिए। इसमें केशव नाचानी का एक ही चेक लगा बाकी तीन रोक दिए गए और मद्दा ने डेढ़ करोड़ रुपए कैश में लिए। इसमें 54 लाख रुपए मद्दा के सिटी बैंक खाते में जमा हुए। इन राशि को लेने के लिए मद्दा ने नंदानगर साख सहकारिता मर्यादित में संस्था के नाम से गलत खाता खुलवाया और राशि इसमें ली गई। वहीं, संस्था पर कब्जे के लिए मद्दा ने सहकारिता के चुनाव भी दूषित किए और अपने लोगों को संस्था में बैठाया। 


  • दूसरी जांच अयोध्यापुरी की- इसमें प्रतीक संघवी, मुकेश खत्री और दीपक मद्दा के डायरेक्टर वाली कंपनी सिम्पलेक्श मेगा फायनेंस ने 4 एकड़ जमीन खरीदी, सौदे में 4 करोड़ के 20 चेक दिए गए, लेकिन केवल 1.8 करोड़ के चेक ही कैश हुए और बाकी 2.2 करोड़ के 11 चेक कैश ही नहीं हुए, यानी यह राशि खाते में ही नहीं पहुंची।

  • तीसरा मामला त्रिशला और न्यायनगर का- इस मामले में 3 किसानों के साथ मद्दा के पूरे खेल की जांच है। इसमें इस्लाम पटेल, सोहराब और दिलावर पटेल के साथ मद्दा के सौदे की जांच है। इसमें सौदा 1.73 करोड़ रुपए का था, लेकिन भुगतान 82.88 लाख रुपए का ही हुआ। इसमें न्यायनगर के साथ किसानों ने जमीन का सौदा किया, लेकिन मद्दा ने वह जमीन अपनी जेबी संस्था त्रिशला के नाम करा ली। यह सौदा 6 हेक्टेयर जमीन का था।

  • चौथा मामला श्रीराम और हिना पैलेस का है- इसमें प्रारंभिक जांच में आया है कि हिना पैलेस में श्रीराम संस्था की जमीन व अन्य जमीन मद्दा ने सौदे कर मिला ली। इसमें 1.62 करोड़ की 7 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को इसी तरह शामिल किया गया। इस जमीन की खरीदी-बिक्री में ही कई लोग शामिल है। इसी मामले में नीलू पंजवानी का भी मद्दा से लेना-देना रहा है। 

  • कल्पतरू संस्था- इसके बाद पांचवा मामला कल्पतरू का है जिसमें 3 अप्रैल 2023 को ही क्राइम ब्रांच ने FIR कर मद्दा को गिरफ्तार किया और इसी मामले में वह जेल में बंद था, जहां से ईडी ने प्रोडक्शन वारंट में उसे हिरासत में लिया है। इस मामले में कल्पतरू संस्था के खाते से 4.89 करोड़ राशि मद्दा के निजी खातों में गई है।



  • यह सभी आ रहे बिल्डर-पार्टनर इन मामलों में जुड़े हुए



    ईडी मद्दा से पहले इस मामले में सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी, केशव नाचानी, ओमप्रकाश धनवानी, मद्द की पत्नी समता जैन, राजेंद्र आगार, आशीष जैन, दिलीप गुप्ता सहित कई लोगों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज कर चुकी है। मद्दा के साथ समता डेवकान कंपनी में आशीष जैन पार्टनर है, वहीं वीपीए सिविलकॉन में पवन सिंघानिया व विमल तोड़ी डायरेक्टर है, संपत रियल एस्टेट में सुरेश पटेल और विशाल पटेल पार्टनर है, सैय्यम इन्फ्रास्ट्रक्चर में प्रतीक संघवी, जयश्री संघवी भी मद्दा के साथ पार्टनर है, ज्ञानशीला दीपक प्रोजेक्ट में मद्दा के साथ कुलभूषण जैन व अतुल मित्तल पार्टनर है, हार्दिक डेवलपर्स प्रालि में हार्दिक जैन, मद्दा के साथ पार्टनर है। एक और कंपनी एनजे देवबिल्ड प्रालि है, जिसमें समता जैन के साथ हेमंत नीमा पार्टनर है। समता कंसट्रक्शन प्रालि में समता जैन, प्रतीक संघवी के साथ अजय अग्रवाल और जयश्री संघवी भाई पार्टनर है। यह कंपनी भी मद्दा ने बनवाई थी।


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