संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भूमाफिया सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी और दीपक जैन उर्फ मद्दा के घर, दफ्तर पर 11 मई को मारे गए छापे के बाद इस केस में पहली गिरफ्तार ली है। पहले से ही जेल में बंद मद्दा को ईडी ने मनी लाण्ड्रिंग केस में शनिवार को गिरफ्तार किया है और फिर इसे प्रॉडक्शन वारंट के लिए कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया है। ईडी ने उसे विशेष कोर्ट में शनिवार शाम को पेश किया और वहां से 14 दिन की रिमांड मांगी गई। कोर्ट ने फिलहाल 9 जून तक की रिमांड दे दी है। अब ईडी के पास मद्दा के पहुंचने से उसके साथ डील करने वाले 30 से ज्यादा पार्टनर, बिल्डरों की जान आफत में आ गई है। इसमें विवादित बिल्डर नीलू पंजवानी भी उलझ रहे हैं। जेल अधिकारियों ने मद्दा के जेल से ईडी के पास रिमांड पर जाने की पुष्टि द सूत्र को की है।
ईडी ने जिनके पहले लिए बयान, अब उन्हें क्रॉस चेक करना है
ईडी मद्दा से पहले सुरेंद्र संघवी, उनके बेटे प्रतीक संघवी के साथ ही केशव नाचानी, हैदर अली, दीपेश वोरा, दिलीप गुप्ता, इस्लाम पटेल, मुकेश खत्री, राजेंद्र आगार, सुभाष गुप्ता, रणवीर सिंह सूदन, आशीष जैन के साथ ही मद्दा की पत्नी समता जैन सहित कई लोगों से लंबी पूछताछ कर चुकी है और पूछताछ में उनके और मद्दा के बीच ट्रांजेक्शन की विस्तृत जानकारी ले चुकी है। इसमें ईडी का पूरा फोकस है कि लेन-देन कितने का हुआ है और किस तरह से मनी लॉण्ड्रिंग की गई। इसमें मद्दा के साथ किसकी मिलीभगत रही है। यदि मद्दा के पार्टनरों के पास भी यह राशि आई है और उपयोग हुआ है तो वह भी इस केस में आरोपी बनेंगे।
नीलू पंजवानी कई मामलों में मद्दा के साथ
विवादित बिल्डर नीलू पंजवानी जिसके 100 करोड़ के मॉल पर तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त प्रतिभा पाल द्वारा बुलडोजर चलवाया गया था, वह भी मद्दा के साथ जुड़ा रहा है। श्रीराम संस्था और हिना पैलेस में पंजवानी और मद्दा के बीच लंबे लेन-देन हुए हैं। वह क्राइम ब्रांच के साथ ही ईडी की रडार पर भी है। मद्दा के साथ पूछताछ में इन सभी के राज खुलेंगे।
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पिंटू छाबड़ा भी राडार पर
ईडी की रडार पर पिंटू छाबड़ा भी आ गए हैं जो इंदौर में सी-21, मल्हार मॉल आदि के मालिक है। पिंटू ने मद्दा के दखल वाली संस्था पुष्पविहार में लंबी-चौड़ी जमीन कौड़ियों के भाव खरीदी हुई है। भूमाफिया अभियान में यह रजिस्ट्री सरेंडर करने की बात बोलकर बच निकले थे। केशव नाचानी के बायनों में भी पिंटू छाबड़ा का नाम आ चुका है कि उन्होंने ही दीपेश वोरा के साथ उन्हें पुष्पविहार की जमीन टिकाई थी और बदले में उनके सौदे की दूसरी जमीन ले ली, जिस पर सी 21 बिजनेस पार्क बना है।
ईडी को 250 करोड़ की संपत्ति की जांच करना है
ईडी ने सुरेंद्र संघवी और दीपक मद्दा के यहां छापे में 91 लाख नकद जब्त करने के साथ ही 250 करोड़ की संपत्ति का पता लगाया था और इसके दस्तावेज जब्त किए थे। ईडी को अब इसी की जांच करना है। सुरेंद्र संघवी और प्रतीक संघवी पर अयोध्यापुरी मामले में 2 FIR दर्ज है तो मद्दा पर पुष्पविहार मामले में 4 और अयोध्यापुरी मामले में 2 FIR दर्ज है, इसके बाद 1 और FIR न्यायनगर में भी मद्दा पर दर्ज है। इन सभी में जमीन का जमकर घोटाला हुआ। पूरे मामले में संघवी और मद्दा ही मुख्य आरोपी है। इसी को लेकर ईडी भी जांच कर रही है।
मद्दा के यह सभी पार्टनर भी ईडी के रडार पर
मद्दा के साथ समता डेवकान कंपनी में आशीष जैन पार्टनर है, वहीं वीपीए सिविलकॉन में पवन सिंघानिया व विमल तोड़ी डायरेक्टर है, संपत रियल एस्टेट में सुरेश पटेल और विशाल पटेल पार्टनर है, सैय्यम इन्फ्रास्ट्रक्चर में प्रतीक संघवी, जयश्री संघवी भी मद्दा के साथ पार्टनर है, ज्ञानशीला दीपक प्रोजेक्ट में मद्दा के साथ कुलभूषण जैन व अतुल मित्तल पार्टनर है, हार्दिक डेवलपर्स प्रालि में हार्दिक जैन, मद्दा के साथ पार्टनर है। एक और कंपनी एनजे देवबिल्ड प्रालि है, जिसमें समता जैन के साथ हेमंत नीमा पार्टनर है। समता कंसट्रक्शन प्रालि में समता जैन, प्रतीक संघवी के साथ अजय अग्रवाल और जयश्री संघवी भाई पार्टनर है। यह कंपनी भी मद्दा ने बनवाई थी।