INDORE. ट्रांसफर, पोस्टिंग और विभागीय जांच के नाम पर एक फर्जी आईपीएस ने इंदौर की एक महिला सब इंस्पेक्टर को फोन पर धमकाया और रुपए की मांग की। मामले की शिकायत जब पुलिस मुख्यालय पहुंची तो क्राइम ब्रांच ने तुरंत मामले को जांच में लिया। जब मामले की जांच-पड़ताल की गई तो खुलासा हुआ कि फर्जी आईपीएस इंदौर की गुरुकृपा होटल में चौकीदारी करता है औप वह रीवा का है। भोपाल क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस से ही सीखी ‘पुलिसगिरी’
क्राइम ब्रांच को जांच में पता चला कि मप्र के करीब 50 और छत्तीसगढ़ के लगभग 12 अधिकारी इसके निशाने पर थे। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह इंदौर की होटल गुरुकृपा में गार्ड का काम करता था। इसी दौरान पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के वाहन में लगे वायरलेस सेट से पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में सुनता रहता था। इसी दौरान उसने पुलिस के हावभाव और बात करने का तरीका सीखा। यहीं से उसने आगे की योजना तैयार की।
गुगल से फोन नंबर निकालकर करता था बात
अफसरों को ठगने के लिए उसने योजना पर काम शुरू कर दिया। आरोपी ने सबसे पहले जानकारी निकाली कि डीजीपी कार्यालय के नाम पर क्या कोई भी काम हो सकता है क्या। इसमें वह सफल रहा। आरोपी फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर गूगल से सभी जिलों के पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर लेने लगा। वह जिलों में पदस्थ एसआरसी, बाबू का नंबर लेकर उनसे ट्रांसफर के लिए दिए अधिकारी और कर्मचारियों की जानकारी लेता था। इसके बाद संबंधित थाना प्रभारी को फोन कर ट्रांसफर का आवेदन देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को फोन पर बात करने का आदेश देता था।
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ऐसे शुरू हुआ ट्रांसफर और निलंबन के नाम पर पैसे वसूलने का खेल
ट्रांसफर की चाह में जब अधिकारी और कर्मचारी फर्जी आईपीएस को फोन करते थे तो वह उनसे ट्रांसफर के लिए पैसे की डिमांड करता था। वहीं कुछ ऐसे भी थे, जिन्हें शिकायत होने का बताकर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की धमकी देकर रुपए मांगता था। आरोपी अधिकारी के लहजे में ऐसे बात करता था कि कोई भी उसके झांसे में आसानी से आ जाता था। इस कारण जिन अधिकारी-कर्मचारियों को आरोपी ने फोन किया था, वे फर्जी होने का शक नहीं कर सके।
इंदौर की सब इंस्पेक्टर को फोन करना पड़ गया महंगा
फर्जी अफसर बने बुद्धसेन मिश्रा ने इंदौर की महिला सब इंस्पेक्टर को फोन किया तो मामला उलटा पड़ गया। महिला सब इंस्पेक्टर ने पुलिस मुख्यालय में एक लिखित आवेदन देकर बताया कि कोई मोबाइल पर फोन कर खुद को डीजीपी ऑफिस का वरिष्ठ अधिकारी बताकर सस्पेंड करने और ट्रांसफर रुकवाने के नाम पर पैसों की मांग कर रहा है। मामला क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा और आवेदन को लेकर जांच की गई फर्जी अफसर का खुलासा हुआ और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। मामले में अपराध क्रमांक 58/23 धारा 170,420,419,384 भादवि के तहत केस दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।