इंदौर HC बेंच कमेटी एक बार फिर करेगी प्रयास, कालिंदी में सभी को 12 जून को एक साथ बुलाएंगे, सैटेलाइट, फीनिक्स में कानूनी पेंच

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Neha Thakur
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इंदौर HC बेंच कमेटी एक बार फिर करेगी प्रयास, कालिंदी में सभी को 12 जून को एक साथ बुलाएंगे, सैटेलाइट, फीनिक्स में कानूनी पेंच

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर हाई कोर्ट बेंच द्वारा भूमाफियाओं से पीड़ित 255 लोगों को उनका हक दिलाने के लिए बनी हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता वाली कमेटी अब एक बार और प्रयास करने जा रही है। भूमाफियाओं ने अपने जवाब और कामों से कमेटी को भी उलझा कर रख दिया है और एक-दूसरे पर ही जिम्मेदारी डालने का काम जारी है। कमेटी एक बार पहले सभी भूमाफियाओं को बुला चुकी है, लेकिन इसमें भी 2-3 ही पहुंचे थे, जिस पर भी कमेटी ने आपत्ति ली थी, लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार कमेटी ने कालिंदी मामले में सभी पीड़ितों के साथ ही इससे जुड़े सभी भूमाफियाओं (कंपनियों के डायरेक्टरों) को 12 जून को एक साथ बुलाया है।  कमेटी को 21 जून को सुनवाई के पहले अपनी रिपोर्ट देना है। लेकिन माना जा रहा है कि संभव है कि कमेटी इस मामले में रिपोर्ट बनाने के लिए कुछ और समय मांगे। हालांकि यह भूमाफियाओं के सहयोग पर ही निर्भर होगा, यदि वह कुछ नहीं करेंगे तो फिर कमेटी सीधे रिपोर्ट ही देगी।



भूमाफिया भागीदारी में 1-2 का बता रहे हिस्सा



भूमाफिया चंपू अजमेरा की कालिंदी से लेकर सैटेलाइट और फीनिक्स तीनों में सबसे अहम भूमिका पाई गई है। फाइनेंस ऑडिट रिपोर्ट में भी चंपू के साथ कालिंदी गोल्ड के लेन-देन सामने आ चुके हैं। लेकिन इस मामले में सभी जिम्मेदार एक-दूसरे पर मामले ढोल रहे हैं। इसमें सौदों में सामने निकुल कपासी, रजत बोहरा, महावीर जैन के नाम है, लेकिन पर्दे के पीछे चंपू, नीलेश अजमेरा के साथ ही हैप्पी धवन, चिराग, चंपू की पत्नी योगिता अजमेरा सभी के नाम पर है। इस कॉलोनी को सबसे पहले नीलेश ने ही काटा था, बाद में अन्य लोग जुड़ते चले गए। नीलेश अजमेरा अभी तक कमेटी के सामने नहीं आया है और ना ही योगिता सामने आई है। नीलेश की पत्नी सोनाली अजमेरा और चंपू व नीलेश के पिता पवन अजमेरा भी कई मामलों में आरोपी है।



कालिंदी में आई है इतनी शिकायतें



कालिंदी में प्रशासन के पास 96 शिकायतें आई थी जिसमें से 34 रजिस्ट्री वाली और 62 रसीद पर सौदे वाली थी। रजिस्ट्री वाले में 19 के और रसीद वाले में 8 यानी कुल 27 का ही पूरा निराकरण हुआ है, 22 के अधूरे निराकरण है और 47 के निराकरण ही नहीं है। वहीं 21 बाद में और शिकायतें पहुंची थी। इस मामले में भूमाफियाओं पर 10 FIR है। जो 27 निराकरण हुए हैं, इसमें 11 हैप्पी द्वारा, 13 चिराग द्वारा और बाकी विकास चौकसे द्वारा सेटल किया जाना बताया जाता है।



इसके बाद सैटेलाइट और फीनिक्स मामले में आगे बढ़ेंगे



कालिंदी ही तीनों में इकलौती कॉलोनी है जिसमें तकनीकी, कानूनी पेंच नहीं है। बाकी सैटेलाइट और फीनिक्स में कई पेंच है। ऐसे में कमेटी का भी ध्यान अभी कालिंदी पर ज्यादा है, जिससे पीड़ितों को हक मिल सके। इसके बाद फिर इन सभी के रूख को देखने के बाद सैटेलाइट और फीनिक्स के लिए कमेटी आगे बढ़ेगी। फीनिक्स के पीड़ितों को 13 तारीख और सैटेलाइट के पीड़ितों के 14 तारीख को बुलाया है। सैटेलाइट में बैंक लोन का मुद्दा होने के साथ ही किसानों के फर्जी सौदे का भी मामला है, जिसमें कॉलोनी का नक्शा ही विवादित हो गया है। वहीं फीनिक्स में लिक्विडेटर का मामला है, जिसमें चंपू के बयान हो चुके हैं। यहां पर चंपू की कंपनी ने एक करोड़ का लोन लेने के बाद लोन नहीं चुकाया और कंपनी दिवालिया हो गई, इसके बाद पीड़ितों को यहां कब्जा नहीं मिल रहा है।


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