इंदौर हाई कोर्ट ने निगम आयुक्त पर लगाई 25 हजार की कास्ट, सीवरेज सिस्टम, जलजमाव पर 4 साल  में भी जवाब पेश नहीं कर पाए जिम्मेदार

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
इंदौर हाई कोर्ट ने निगम आयुक्त पर लगाई 25 हजार की कास्ट, सीवरेज सिस्टम, जलजमाव पर 4 साल  में भी जवाब पेश नहीं कर पाए जिम्मेदार

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर हाई कोर्ट ने इंदौर नगर निगम आयुक्त पर 25000 की कास्ट यानी जुर्माना लगाया है। मामला 4 साल से चल रही एक जनहित याचिका का है, जो समाज सेवी किशोर कोडवानी ने लगाई थी लेकिन बार-बार जवाब मांगने पर भी निगम जवाब पेश नहीं कर पाया। इस कारण से जिम्मेदारों पर कास्ट लगाई गई है। साथ ही चीफ जस्टिस ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए दो सप्ताह में जवाब मांगा है।



यह है याचिका



यह मामला जनसंख्या का गलत आकलन, पानी की खपत व आपूर्ति और सीवरेज सिस्टम को लेकर 2019 में हाई कोर्ट में किशोर कोडवानी और महेश वर्मा द्वारा लगाई गई याचिका का है। इसमें लिखा था कि साल 2006 में 2021 की लक्ष्य जनसंख्या 35 लाख के हिसाब से 442 करोड़ की योजना बनाई गई थी। याचिका में कहा गया था कि 442 करोड़ की योजना में 425 किलोमीटर सीवरेज लाइन और 350 मिलियन लीटर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया जो विफल हो गया। सीवरेज आउटफाल नदियों में बहते रहे। इसे ठीक करने के लिए फिर सिंहस्थ मद से 77 करोड रुपए खर्च का 2015 में काम किया गया ये योजना भी फेल हो गई। इसके बाद केंद्र राज्य सरकार की अमृत योजना तैयार की गई। इसमें 1339 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे। योजना अनुसार 1242 किलोमीटर की पाइपलाइन और 15 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं। यह प्रयोग भी असफल दिख रहा है क्योंकि प्रति व्यक्ति पानी खपत इंदौर में ढाई सौ लीटर है। वहीं योजना केवल 90 लीटर प्रति व्यक्ति के अनुसार ही है इसलिए इंदौर का सिविल सिस्टम फेल है और थोड़ी भी बारिश होने पर जल जमा हो जाता है।



नौ सुनवाई, लेकिन जवाब ही नहीं दिया



शहर के पेयजल सिस्टम और सीवरेज सिस्टम को लगी इस जनहित याचिका को लेकर 4 साल बाद भी नगर निगम का जवाब नहीं आया। 9 सुनवाई से लगातार जवाब मांगा जा रहा है और नगर निगम की ओर से कोई जवाब नहीं पेश हो रहा है। इसके चलते हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए निगम आयुक्त पर यह कास्ट लगाई। 



चीफ जस्टिस ने जताई भारी नाराजगी



इस मामले की सुनवाई डबल बेंच में चीफ जस्टिस रवि मालिमठ द्वारा की गई ।शासकीय वकील द्वारा इस मामले में नगर निगम की ओर से फिर से जवाब देने के लिए समय मांगने पर उन्होंने भारी नाराजगी जताई और उन्होंने कहा कि जनहित की समस्या को लेकर क्या नगर निगम कर रवैया किस तरह रहता है। उन्होंने साथ ही दो सप्ताह का समय दिया कि अब जवाब पेश करना ही होगा और साथ ही  25000 की कास्ट लगाई गई। निगम को जवाब के साथ तीनों प्रोजेक्ट की रिपोर्ट,  स्थिति रिपोर्ट,  व्यय और नक्शे कि प्रति प्रस्तुत करने के आदेश भी हुए।

 


MP News एमपी न्यूज Indore High Court इंदौर हाई कोर्ट Indore Municipal Corporation Commissioner fined Kishor Kodwani इंदौर नगर निगम आयुक्त पर  जुर्माना किशोर कोडवानी