BHOPAL. स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में इंदौर ने सातवीं बार देश में नंबर वन का स्थान हासिल किया है और सफाई में अपनी रैंक कायम रखी है, जबकि भोपाल अपनी पुरानी रैंक के नजदीक भी नहीं पहुंच पाया है। यहां बता दें भोपाल ने साल 2017 और 2018 में दूसरी रैंक हासिल की थी, लेकिन इस बार पांचवें नंबर पर रहा है।
भोपाल दो बार रह चुका है दूसरी रैंक पर
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में 5 स्टार रेटिंग के साथ भोपाल देश का पांचवां सबसे साफ शहर रहा। हालांकि इससे पूर्व भोपाल स्वच्छता में दो बार दूसरे नंबर पर रह चुका है। पिछली बार भोपाल छठवें नंबर पर रहा था। इस बार एक पायदान ऊपर जरूर आया है, लेकिन अपने पुराने मुकाम को हासिल नहीं कर सका है। बावजूद इसके नगर निगम के कर्मचारियों में खुशी है। बीएमसी कार्यालय के सामने सफाई कर्मचारी डांस करते नजर आए। इस दौरान नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने ढोल भी बजाया और कर्मचारियों का मुंह मीठा कराया।
निगम अफसरों ने क्या किया था दावा ?
इससे पहले शहर ने वर्ष 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक हासिल की थी। स्वच्छता से जुड़े अफसरों का दावा था कि गीले, सूखे, मेडिकल समेत 5 तरह के कचरे की प्रोसेसिंग में भोपाल में बेहतर काम हुआ है और इस हिसाब से भोपाल अपनी रैंक में बड़ा सुधार करेगा। हालांकि भोपाल को 5वें नंबर से ही संतोष करना पड़ा। दिल्ली में भारत मंडपम में कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। इस मौके पर सीएम मोहन यादव मौजूद रहे।
इंदौर फिर बना सबसे स्वच्छ शहर
देश के सबसे साफ शहरों में इंदौर और सूरत संयुक्त रूप से पहले नंबर पर रहे हैं। सातवीं बार इंदौर को यह अवार्ड मिला है। यह अवार्ड सीएम डॉ. मोहन यादव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रपति से प्राप्त किया। वहीं सूरत को यह अवार्ड पहली बार मिला है।
कचरा सेग्रीगेशन में इंदौर से पिछड़ा भोपाल
स्वच्छता सर्वे में देश के सबसे साफ शहर इंदौर को कचरे के सोर्स सेग्रेशन पैरामीटर पर 98 प्रतिशत अंक मिले हैं। वहीं भोपाल कचरे के सोर्स सेग्रीगेशन ( मेडिकल वेस्ट और दवाइयां, इलेक्ट्रिक सामान आदि) के मामले में इंदौर से 3 अंक पीछे हैं। भोपाल को कचरे के सोर्स सेग्रीगेशन के पैरामीटर को 95 प्रतिशत ही पूरा कर रहा है।
इंदौर के पब्लिक टॉयलेट 100 प्रतिशत साफ और भोपाल के 97 %
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक पब्लिक टॉयलेट में साफ - सफाई के पैरामीटर पर इंदौर शत प्रतिशत खरा साबित हुआ है। जबकि भोपाल को पब्लिक टॉयलेट की साफ-सफाई 97 प्रतिशत ही पैरामीटर्स के अनुरूप हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक पब्लिक टॉयलेट की साफ - सफाई कैटेगरी में इंदौर को 100 और भोपाल को 97 प्रतिशत अंक मिले हैं। इस पैरामीटर के मूल्याकंन में भोपाल इंदौर से 3 अंकों से पिछड़ गया।