संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में भूमाफिया चंपू उर्फ रितेश अजमेरा पर पहले से ही दर्जनों केस हैं, जो जमीन धोखाधड़ी को लेकर हैं और वह सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत पर है। अब ताजा केस ईओडब्ल्यू इंदौर ने दर्ज किया है और वह भी 14.37 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का। इस केस में रतनलाल शेखावत की शिकायत पर यह एफआईआर हुई है।
यह है मामला
कालिंदी गोल्ड के पास इंदौर-उज्जैन रोड पर चंपू अजमेरा ने एक जमीन ली थी। यह जमीन मेसर्स गोल्ड टेरेस अपार्टमेंट के नाम पर ली थी। यह जमीन 2012-13 में ली गई थी। यह जमीन छह हेक्टेयर भंवरसला सांवेर तहसील की है। यह जमीन बेचने का सौदा चंपू की फर्म ने मेसर्स एस्ट्यूट इन्फ्रा कंसट्रक्शन प्रा. लि. को 9 करोड़ में किया। कुल सौदा 15 करोड़ में हुआ लेकिन चंपू ने यह सौदा राशि लेने के बाद भी कंपनी को पूरी राशि लौटाए बिना यह जमीन का सौदा मेसर्स गोल्ड लाइन वेंचर कंपनी को 14.37 करोड़ में कर दी और पूर्व कंपनी एस्ट्यूट को सौदा राशि में से केवल चार करोड़ ही लौटाए। ईओडब्ल्यू एसपी धनंजय शाह ने बताया इस शिकायत आने पर जांच की गई और इसके आधार पर अब चंपू अजमेरा और भागीदारों पर एफआईआर की गई है।
हवाला किंग को 80 करोड़ में बेची है जमीन
जानकारी के अनुसार चंपू ने यह जमीन का सौदा दिल्ली के हवाला किंग नरेश जैन से कर लिया जो अभी जेल में हैं। इसके चलते में मनीष शाहरा से हुए सौदे को रद्द कर दिया गया। वहीं जैन ने इस जमीन को लेकर आगे संजय ठाकुर (कनक रेसीडेंसी वाले) से डील कर ली। बाद में इस पूरे मामले में शिकवा शिकायत होने पर ठाकुर की कनक रेसीडेंसी भी उलझ गई।
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सारा खेल चंपू का उलझे भागीदार
इस पूरे मामले में शुरू से ही खेल चंपू का ही रहा लेकिन हर बार की तरह इस बार भी चंपू ने इसमें कर्मचारी महावीर जैन, अनिल सोगानी और राहुल कासलीवाल को झांसे में लेते हुए कागज पर भागीदार बनाया और सब जगह उनसे हस्ताक्षर लिए और पूर खेल बाले-बाले कर मारा। अब यह भागीदार भी चंपू के चलते पहले भी कॉलोनियों की धोखाधड़ी में उलझे हैं और अब फिर उलझ गए हैं। जबकि शासन और प्रशासन भी हाईकोर्ट में कह चुका है कि चंपू अपने भागीदारों के नाम पर खेल करता है और पर्दे के पीछे वही रहता है।