संजय गुप्ता, INDORE. लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची का प्रकाशन हो गया है। अब इस पर कोई भी आपत्तियां पेश कर सकता है। मतदाता सूची में नाम जुड़ना जारी रहेगा। इंदौर जिले में कुल 27.60 लाख मतदाता है लेकिन महू विधानसभा सीट के 2.80 मतदाताओं (जो धार संसदीय सीट में आते हैं) को हटा दिए जाएं तो इंदौर लोकसभा सीट के लिए 24.80 लाख मतदाता है। बीते चुनाव के समय 23.50 लाख मतदाता थे। यानी पांच साल में 1.30 लाख मतदाता बढ़ गए हैं।
यदि अभी चुनाव हो तो कम से कम 3.82 लाख वोट से जीतेगी बीजेपी
विधानसभा चुनाव के नतीजों में इंदौर की सभी सीट बीजेपी के खाते में गई है। यदि इंदौर संसदीय सीट की आठों विधानसभा को देखें तो बीजेपी की जीत का अंतर 3.82 लाख वोट का रहा है। यानी यदि अभी लोकसभा चुनाव होते तो इंदौर सांसद सीट पर बीजेपी कम से कम 3.82 लाख वोट से तो जीतती ही। हालांकि इंदौर सीट के पुराने रिकार्ड, अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा, मोदी की गारंटी जैसे सभी बातों पर नजर डालें तो बीजेपी इस बार जीत का रिकार्ड बनाएगी और कोई बड़ी बात नहीं कि बीते चुनाव 2019 के रिकार्ड जीत 5.47 लाख को भी पीछे छोड़ दें।
…तो 11 लाख से ज्यादा वोट मिलेंगे बीजेपी को
बीते चुनाव 23.50 लाख मतदाताओं में से 69.34 फीसदी यानि 16.29 लाख मतदाताओं ने वोट डाले थे। इसमें से बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी के पास 65.79 फीसदी यानि 10.68 लाख वोट गए थे और कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 5.20 लाख यानि करीब 32 फीसदी वोट ही मिले थे। यदि इसी गणित को लेकर चलें तो इंदौर संसदीय सीट पर 24.80 मतदाताओं में से 17.19 लाख मतदाता वोट डालेंगे औऱ् इसमें से बीजेपी के खाते में 11.30 लाख और कांग्रेस के खाते में 5.50 वोट करीब जाएंगे, यानि बीजेपी रिकार्ड तोड़ 5.80 लाख वोट से जीत हासिल करेगी।
इंदौर लोकसभा सीट पर विधानसभावार मतदाता
- देपालपुर- 2.67 लाख,
- इंदौर एक-3.64 लाख,
- इंदौर दो-3.48 लाख,
- इंदौर तीन-1.87 लाख,
- इंदौर चार-2.40 लाख,
- इंदौर पांच- 4.13 लाख,
- राउ- 3.57 लाख और सांवेर-3.02 लाख मतदाता।
- कुल मतदाता- 2480773 मतदाता
- पुरुष मतदाता- 1253434
- महिला मतदाता- 1227240
- थर्ड जेंडर- 99 मतदाता
इंदौर लोकसभा सीट का इतिहास
बीजेपी ने पहली बार 1989 में इंदौर सीट जीती थी, सुमित्रा महाजन ने यह जीत हासिल की थी और इसके बाद से जीत का यह सिलसिला लगातार जारी है। आठ बार सांसद रही सुमित्रा महाजन के बाद 2019 में शंकर लालवानी को टिकट दिया गया और उन्होंने महाजन के जीत के रिकार्ड को तोड़ा और देश में दस लाख वोट हासिल करने वाले सांसद बने।
आजादी के बाद कुल 17 लोकसभा चुनाव हुए
आजादी के बाद 1951 से अभी तक 16 आम चुनाव और एक उपचुनाव में इंदौर के मतदाताओं ने सांसद चयन के चुनाव में मत दिया। इस तरह 17 लोकसभा के चुनावों में वोटिंग हुई। आजादी के बाद हुए 1951 के प्रथम आम चुनाव में नगर के 46.12 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान किया था। पिछले चुनावों में मतदान प्रतिशत का सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड 2019 का ही था, जब 69.34 फीसदी ने वोट डाले। साल 1957 में कम केवल 45.88 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान किया था। वैसे साल 1971 के उपचुनाव में इंदौर सीट पर मात्र 26.37 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान किया था जो अभी तक का सबसे न्यूनतम मतदान का रिकॉर्ड है।