इंदौर के पिंटू छाबड़ा के पास भी सोसायटी की 150 करोड़ की जमीन, रजिस्ट्री भी, रहवासी संघ बोले- ईडी को पूरी जानकारी देने के लिए तैयार

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BP Shrivastava
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इंदौर के पिंटू छाबड़ा के पास भी सोसायटी की 150 करोड़ की जमीन, रजिस्ट्री भी, रहवासी संघ बोले- ईडी को पूरी जानकारी देने के लिए तैयार

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर और मप्र के सबसे बड़े मॉल संचालक गुरजीत सिंह छाबड़ा उर्फ पिंटू छाबड़ा पर भी ईडी की नजर गई है। जिस तरह दीपक मद्दा, सुरेंद्र संघवी के बेटे प्रतीक संघवी, हनी-टनी और अन्य ने सोसायटी की जमीन की खरीदी-बिक्री की जिसके लिए प्रशासन ने इन पर एफआईआर कराई और फिर ईडी ने कार्रवाई की, वही मामला पिंटू का भी है। पिंटू छाबड़ा ने अप्रैल 2006 में मजदूर पंचायत गृह निर्माण सोसायटी (पुष्पविहार कॉलोनी) की दो हेक्टेयर जमीन जिसकी आज की कीमत 150 करोड़ से ज्यादा है, वह केवल एक करोड़ पांच लाख में खरीदी थी। यह जमीन पिंटू ने मल्हार होटल्स प्रालि. के मैनेजिंग डायरेक्टर गुरजीत सिंह छाबड़ा के नाम से ली थी। जमीन नसीम हैदर ने बेची थी, यह वही हैदर है जिसने केशव नाचानी उर्फ हनी और ओमप्रकाश वाधवानी उर्फ टनी को भी इसी सोसायटी की जमीन बेची थी। पुष्पविहार के पीडितों ने पिंटू की रजिस्ट्री शून्य करने केस भी लगा रखा है। वहीं पीड़ित संघ के एनके मिश्रा कहते हैं कि हमारे पास पूरी सूची और रजिस्ट्री कॉपी है जिन्होंने हमारी जमीन अवैधानिक तौर पर खरीदी है, हम इस मामले में ईडी को पूरी सूची और दस्तावेज देने के लिए तैयार है। जिससे हमें हमारी जमीन वापस मिल सके।



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47 लाख की स्टाम्प ड्यूटी की भी चोरी की थी



पिंटू छाब़ड़ा ने इसमें भी सरकार को टोपी पहनाई थी और उसने इस पर लगने वाली पूरी स्टाम्प ड्यूटी नहीं दी थी। इसके चलते पंजीयन विभाग ने शासकीय सूचना जारी कर उसन पर 47 लाख 40 हजार की ड्यूटी बकाया जारी होने का नोटिस व सूचना जारी की थी। लेकिन वह हाईकोर्ट गए और स्टे ले आए। उनका तर्क था कि इस स्टाम्प ड्यूटी के लिए अन्य भी जिम्मेदार है और अकेले उन पर यह राशि नहीं निकाली जा सकती। यह स्टे अभी भी जारी है। 



हनी-टनी को भी पिंटू ने ही दिलवाई थी जमीन



पिंटू छाबड़ा ने ही हनी-टनी को जमीन दिलवाई थी, ऐसा बयान वह ईडी में दे चुके हैं। हनी के मुताबिक उसने होटल रेडिसन के सामने वाली जमीन एक बिल्डर से ली थी, जिस पर बाद में पिंटू ने कहा कि वह दूसरी पास में जमीन दिला देंगे, जो इससे सस्ती होगी, यह मुझे दे दो। हनी ने यह सौदा मान लिया और बदले में पिंटू ने हनी-टनी को इसके बगल वाली जमीन जहां आज सी21 बिजनेस पार्क बना है, इसके पास की जमीन हनी और टनी को दिलवा दी, लेकिन यह जमीन सोसायटी मजदूर पंचायत की होकर पुष्पविहार क़ॉलोनी के दायरे की है। इसी मामले में हनी-टनी उलझ गए और ईडी ने उनकी संपत्तियां भी अटैच करते हुए मनी लाण्ड्रिंग का केस बनाया हुआ है। 



मद्दा, संघवी का भी यही मामला है



अयोध्यापुरी में भी सोसायटी की जमीन खरीदी की यही मामला सुरेंद्र संघवी के बेटे प्रतीक संघवी और दीपक मद्दा का भी है। सिम्पलेक्स मेगा फायनेंस कंपनी ने जिसमें प्रतीक, मद्दा और मुकेश खत्री डायरेक्टर थे, उन्होंने अयोध्यापुरी की चार एकड़ जमीन खरीदी थी। इसे लेकर जिला प्रशासन ने इन सभी पर केस दर्ज कराया गया था। हनी-टनी पर भी सोसायटी की जमीन खरीदी का केस बनाया गया था, लेकिन जनवरी-फरवरी 2021 में चले प्रशासन के भू माफिया अभियान के दौरान पिंटू छाबड़ा साफ बच निकला, जबकि इसके पास आज यहां पर सबसे ज्यादा दो हेक्टयर जमीन मौजूद है। 



पीड़ितों ने लगा रखा है जमीन रजिस्ट्री शून्य का केस



पीड़ितों ने बताया कि यहां पर करीब 40 से ज्यादा लोगों ने पिंटू छाबड़ा की रजिस्ट्री शून्य करने का केस लगा रखा है। यहां सौ से ज्यादा लोग पीड़ित है, जो छाबडा द्वारा जमीन लिए जाने से प्रभावित है। लेकिन इस मामले में प्रशासन द्वारा कुछ नहीं किया गया और पिंटू पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।



ईडी ने अटैच की है 500 करोड़ की प्रॉपर्टी



ईडी ने शुक्रवार को ही मद्दा, हनी-टनी, संघवी से जुड़ी हुई 500 करोड़ मूल्य की संपत्ति अटैच करने के आदेश जारी कर चुका है। वहीं ईडी कोर्ट में मद्दा व अन्य के खिलाफ मनी लाण्ड्रिंग का केस चल रहा है।

 


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