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संजय गुप्ता, INDORE. जी20 सम्मेलन में वीडियो संदेश के माध्यम से इंदौर में संबोधन हो या फिर प्रवासी दिवस में संबोधन, पीएम नरेंद्र मोदी ने हमेशा इंदौर को स्वाद की नगरी कहा है और लोगों को भी यहां के सराफा, छप्पन जाने की सलाह दी है। लेकिन देश का फूड कैपिटल इंदौर अब फूड स्ट्रीट सर्वे में पिछड़ कर चौथे स्थान पर आया है। डेढ़ हजार पाक विशेषज्ञों द्वारा देशभर के फूड स्ट्रीट सर्वे के बाद गोदरेज फूड ट्रेंड्स रिपोर्ट 2023 तैयार की गई। उसमें इंदौर को 47 प्रतिशत दिया गया। इस सर्वे में इंदौर चौथे स्थान पर है,जबकि लखनऊ पहले, कोलकाता दूसरे और अमृतसर तीसरे स्थान पर है।
क्यों आया चौथे नंबर पर इंदौर
फूड सर्वे में पारंपरिक स्वाद, निर्माण विधि, डिलेवरी और पैकेजिंग, सर्व करने का तरीका और सफाई के आधार पर नंबर दिए गए। इंदौर इस सर्वे में चौथे स्थान पर रहा, क्योंकि इंदौर की प्रसिद्ध फूड स्ट्रीट में अभी भी कई कमियां है, जिन्हें दूर करना बाकी है। शहर की 100 साल पुरानी सराफा चौपाटी की सिग्नेचर डिश भूट्टे का किस, दही बड़े, गराडू, जलेबा, मालपुए हैं, लेकिन इनके स्टॉल कम है। इन्हें व्यवस्थित तरह से प्रदर्शित नहीं किया गया है।
सराफा चौपाटी में बर्गर नूडल्स के स्टॉल
अब सराफा चौपाटी में बर्गर, नूडल्स, मोमोस, पिज्जा, पानी बताशे जैसे व्यंजनों के स्टॉल ज्यादा है। सराफा चौपाटी एसोसिएशन के अध्यक्ष राम गुप्ता भी स्वीकारते है कि इंदौर के पारंपरिक स्वाद के स्टाल कम है। इस बार एसोसिएशन की बैठक में इसे उठाया जाएगा। मालवा-निमाड़ के पारंपरिक व्यंजन को ज्यादा महत्व चौपाटी पर मिलना चाहिए। पर्यटक ज्यादातर उन व्यंजनों को पसंद करते है, जो उन्हें उनके शहर में नहीं मिलते है।
सिग्नेचर डिश की संख्या कम
56 दुकान क्षेत्र का विकास कर नगर निगम ने उसकी ख्याति जरुर बढ़ाई। लेकिन स्वाद पर अभी भी काम होना बाकी है। इस फूड स्ट्रीट में 56 दुकानों के अलावा सिटी हार्ट बिल्डिंग में भी खान-पान की दुकानें सजती है, लेकिन 56 दुकान की सिंग्नचेर डिश में आलू पेटिस, शिकंजी, आमलेट बेंजो, कुल्फी शामिल है। यहां सिग्नचेर डिश की संख्या और बढ़ना चाहिए। फूड पैकेजिंग और डिलेवरी भी यहां दो-तीन दुकानों की ही बेहतर है।
सर्वे का किया जाएगा आकलन
56 दुकान व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष गुंजन शर्मा कहते हैं कि हम तो हमारी तरफ से इस फूड स्ट्रीट को बेहतर बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। सर्वे में किस आधार पर इंदौर को कम नंबर दिए गए, इसका आकलन किया जाएगा। जानकारों का कहना है कि स्टॉल अधिक होने के साथ ही पर्यटकों की जानकारी के लिए व्यंजनों के व्यवस्थित डिस्प्ले बोर्ड भी होना चाहिए।
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