INDORE. इंदौर में पुलिस ने ऐसे दो आरोपियों को पकड़ा है जिन्होंने ना केवल मप्र की अलग-अलग यूनिवर्सिटी बल्कि पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र की अलग-अलग यूनिवर्सिटी के साथ ही बोर्ड की भी फर्जी मार्कशीट बनाकर बेच रहे थे। आरोपियों ने अभी तक 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन के साथ ही BAMS,BHMS,बी.फार्मा, डी.फार्मा , लैब टेक्नीशियन जैसी 1000 से अधिक फर्जी मार्कशीट बनाने की बात को स्वीकार भी कर लिया है। इंदौर विजयनगर थाना की पुलिस ने इन फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह को पकड़ा है।
लाखों में बेचता था मार्कशीट
अवैधानिक गतिविधियों की पड़ताल के दौरान पुलिस थाना विजयनगर की टीम को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई की एक व्यक्ति जिसका नाम दिनेश तिरोले है। वो कक्षा 8वीं, 10वीं, 12वीं, BAMS और अन्य प्रकार की जाली मार्कशीट तैयार कर लोगों को लाखों रुपए में बेच रहा है। मुखबीर की सूचना पर डीसीपी जोन-2 अभिषेक आनंद ने थाना प्रभारी विजय नगर के नेतृत्व में एक टीम को इस संबंध में लगाया।
इस तरह पकड़े गए आरोपी
मामले की जांच करते हुए पुलिस ने आरोपी दिनेश तिरोले को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया । उसके पास से लगभग 50-60 फर्जी मार्कशीट प्राप्त हुई। जो दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश , पंजाब, राजस्थान व कई प्रांत के यूनिवर्सिटी के नाम से बनाई गई थी। आरोपी से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वो सैकड़ों लोगों को 8वीं, 10वीं 12वीं, बीए, बीकॉम, BAMS की फर्जी मार्कशीट दे चुका है।
एक आरोपी को उज्जैन से पकड़ा गया
वहीं पुलिस ने उसके एक अन्य साथी मनीष राठौर को भी उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने विभिन्न प्रकार की फर्जी मार्कशीट बनाकर कई लोगों के साथ इस प्रकार की धोखाधड़ी की है। वहीं पुलिस को इनके साथ कई और लोगों के जुड़े हुए होने की आशंका है।
10वीं और 12वीं की मार्कशीट का दाम 20 हजार रुपए
इस मामले में आगे की जानकारी देते हुए डीसीपी अभिषेक आनंद ने बताया कि हम लंबे समय से गिरोह को पकड़ने का प्रयास कर रहे थे। आरोपी 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट के 20 हजार और फार्मा की मार्कशीट के लिए लाखों रुपए लेते थे।