संजय गुप्ता, Indore. इंदौर जिला प्रशासन ने इस्लामिया करीमिया सोसायटी को मिली पलासिया स्थित बेशकीमती 2.42 लाख वर्गफीट जमीन की लीज रिन्यू नहीं करने की अनुशंसा कर दी है। साथ ही लीज शर्तों के उल्लंघन से बनी दुकान सहित अन्य अवैधानिक निर्माण को राजसात करने की अनुशंसा की है। यह जमीन का मौजूदा बाजार भाव 500 करोड़ से ज्यादा है। इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने सोसायटी की जमीन को लेकर मिली शिकायतों की जांच तत्परता से अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर से करवाई थी। इसमें लीज शर्तों का उल्लंघन पाया गया। इस रिपोर्ट को अब आगे कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने शासन को भेज दिया है।
साल 2003 में ही लीज हो चुकी खत्म
मप्र शासन के पत्र के आधार पर स्थानीय शासन यानि नगर निगम ने संस्था को यह पलासिया के विविध सर्वे की कुल 6.24 एकड़ यानि 2.71 लाख वर्गफीट जमीन लीज पर साल 1973 में दी थी। हालांकि मौके पर जमीन कम निकली और संस्था को 2.42 लाख वर्गफीट जमीन ही मिली थी। इसकी लीज 30 साल की होकर 2003 में ही खत्म हो गई थी। तभी से इसकी लीज रिन्यू नहीं हुई। संस्था ने साल 2013 में हाईकोर्ट इंदौर में इसके लिए याचिका दायर की हुई है लेकिन इस पर कोई स्टे नहीं मिला है और मामला विचाराधीन है।
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लीज शर्तों के लेकर प्रशासन ने जांच में यह पाया
संस्था को जमीन 30 साल के लिए कॉलेज निर्माण के लिए दी गई थी। लेकिन इस जमीन के एक हिस्से में केवल स्कूल संचालित हो रहा है, कॉलेज नहीं पाया गया। लीज समाप्त होने के बाद लीज का नवीनीकरण भी नहीं कराया गया। निगम की तत्कालीन अपील समिति ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर संस्था को शैक्षणिक उपयोग के लिए मिली जमीन पर बनी दुकान (व्यावसायिक उपयोग) को समझौता शुल्क लेकर कंपाउंडिंग कर दी जो प्रावधान के विपरीत था। मौके पर नक्शे के विपरीत भी निर्माण पाए गए। संस्था से साल 2003 से याचिका लगाने तक साल 2013 तक की लीज राशि भी लेना चाहिए।
स्टाम्प शुल्क की भी छूट गलत ली
जांच में यह भी पाया गाय कि संस्था ने एजुकेशन सोसायटी के नाम पर अन्य जगह जमीन भी ली गई है। इसमें स्टाम्प शुल्क की छूट भी गलत ली गई है। वहीं जांच कमेटी के सामने संस्था के पदाधिकारी अब्दुल जब्बार मुल्तानी अध्यक्ष, हलीम खान, जाहिद हसन खान के साथ ही निगम द्वारा भी अपनी बात रखी गई थी। संस्था ने इन सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा गया कि आजादनगर व खजराना की जमीन संस्था द्वारा खुद क्रय की गई थी, इन्हें शासन से नहीं लिया गया। साथ ही पलासिया की जो जमीन लीज पर ली थी जिस पर स्कूल संचालित हो रहा है और किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है।