Damoh. दमोह में हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाए जाने के मामले में रोज नए घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर सियासत भी जोरों पर है। एक दिन पहले ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दमोह में छात्राओं को हिजाब पहनाने वाले स्कूल के कनेक्शन कटनी से होने और धर्मांतरण संबंधी आरोप वाला बयान दिया था। वहीं आज गंगा जमना स्कूल की जांच करने वाले डीईओ पर बीजेपी नेताओं ने स्याही उड़ेल दी। इससे पहले एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने भी कुछ दिन पहले डीईओ का मुंह काला करने का प्रयास किया था। दरअसल डीईओ पर यह आरोप लगाया जा रहा था कि उन्होंने शुरूआत में सतही जांच कर बच्चियों को हिजाब पहनने का दबाव डालने वाले स्कूल को क्लीन चिट दे दी थी।
बिल भुगतान का दिया हवाला
इधर जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा ने बताया कि उन्होंने बिल का भुगतान नहीं किया था तो दुर्भावना वश स्याही फेंकी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यह बीजेपी कार्यकर्ताओं की हरकत है। हालांकि उन्होंने किस बिल का भुगतान नहीं किया था इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया है।
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हिजाब मामले में नया मोड़
दूसरी तरफ हिजाब मामले में एक और नया मोड़ आ गया है। गंगा जमना स्कूल में पढ़ने वाले कुछ बच्चों ने यह बताया है कि उन्हें स्कूल में नमाज पढ़वाई जाती थी, ऐसा न करने पर उनकी जमकर पिटाई होती थी। हालांकि बच्चों ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम के सामने तो यह बयान नहीं दिया, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही आयोग की टीम इन बच्चों से मिलकर उनका बयान दर्ज कर सकती है।
यह है मामला
दरअसल गंगा जमना स्कूल द्वारा हिंदू लड़कियों की हिजाब पहनी फोटो वाला फ्लैक्स लगवाया था तो इस पर आपत्ति उठाई गई थी। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी से मामले की जांच कराई तो उन्होंने सतही जांच कर स्कूल को क्लीन चिट दे दी थी। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री द्वारा नाराजगी दिखाए जाने पर विस्तृत जांच की गई और स्कूल की मान्यता समाप्त कर दी गई। इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद से ही बीजेपी और एबीवीपी जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा से खफा थे।