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संजय शर्मा, BHOPAL. केंद्रीय इनलैंड वाटरवेस अथॉरिटी (भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण) ने प्रदेश में जल परिवहन की संभावनाओं के सम्बन्ध में प्रस्ताव मांगा है। जल संसाधन विभाग द्वारा इसके परिक्षण के लिए नर्मदा घाटी विकास और परिवहन विभाग से सहयोग लिया जा रहा है। तीनों विभाग जबलपुर से सरदार सरोवर डैम के बीच नर्मदा नदी में वर्ष भर जल के प्रवाह और गहराई का अध्ययन करेंगे। परिस्थतियां अनुकूल मिलती हैं तो प्रदेश में जल परिवहन की संभावना वाला प्रस्ताव तैयार कर दिल्ली भेजा जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो नर्मदा प्रदेश में जल परिवहन वाली पहली नदी होगी जिसमें जबलपुर से सरदार सरोवर डैम तक लोग स्टीमर और फेरी से सफर कर पाएंगे।
नर्मदा में जल परिवहन की संभावनाएं
जल संसाधन विभाग को गत माह इनलैंड वाटरवेस अथॉरिटी द्वारा प्रदेश की सबसे बड़ी नदी नर्मदा में जल मार्ग की संभावना तलाशने और जल मार्ग के जरिये परिवहन की स्थिति पर प्रस्ताव मांगा हैं। नर्मदा नदी से सम्बंधित मामलों को जल संसाधन विभाग सीधे तौर पर डील नहीं करता इसलिए जल मार्ग के प्रस्ताव के लिए नर्मदा घाटी विकास विभाग के साथ परीक्षण की तैयारी कर रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग से भी मदद मांगी गई है। जल्द ही तीनों विभाग के अधिकारी बैठक करने वाले हैं, जिसके सम्बन्ध में विभाग मुख्यालय से पत्र भी जारी कर दिए गए हैं।
जल मार्ग भी होगा परिवहन का विकल्प
परिवहन के वैकल्पिक मार्गों की तलाश कर रहे इनलैंड वाटरवेस अथॉरिटी द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी और साल भर प्रवाह वाली नदियों में जल मार्ग चिन्हित कर प्रस्ताव मांगा है। लेकिन प्रदेश में गहराई और साल भर बहाव की स्थिति को देखते हुए केवल नर्मदा नदी में ही यह संभावना दिखाई दे रही है। अभी सड़क और रेल मार्ग ही परिवहन का प्रमुख साधन हैं। यदि नर्मदा में जल परिवहन के साधन चलाने की संभावना पर मुहर लगती है, तो लोग जबलपुर से प्रदेश के बड़वानी जिले की सीमा पर स्थित सरदार सरोवर डैम तक नदी के रास्ते ठीक वैसे ही सफर कर पाएंगे जैसे पश्चिम बंगाल और असम में स्टीमर और फेरी में सवार होकर करते हैं।
लेकिन जलमार्ग को उलझा सकते हैं ये पेंच
नर्मदा नदी में जल मार्ग चिन्हित करने के मामले में प्रारंभिक स्तर पर ही कई पेंच सामने आने लगे हैं। अधिकारिओं का मानना है की नर्मदा नदी तेज प्रवाह के साथ बहती है, इसके बरगी डैम से लेकर सरदार सरोवर डैम के बीच प्रवाह पथ पर कहीं भारी भरकम चट्टानें हैं तो कहीं बहुत संकरी घाटी और उथले बालू के घाट हैं। नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, हरदा, सीहोर और खरगोन के अलावा बड़वानी जिले में इसके कारण स्टीमर या बड़ी नाव चला पाना मुश्किल होगा। वहीं नर्मदा का जल स्तर भी जल मार्ग के इस कॉन्सेप्ट में बाधक हो सकता है।