Raipur. छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने शासकीय कर्मचारी के खिलाफ जारी किए वसूली के आदेश को निरस्त कर दिया है। वहीं कोर्ट ने 1 महीने के अंदर पेंशन देने के भी निर्देश दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार सहायक संचालक जनसंपर्क विभाग मुंगेली में पदस्थ साधराम लहरें की सेवानिवृत्ति 31 दिसंबर 2022 को हुई सेवानिवृत्ति के बाद दिनांक 2 मई 2023 को अपर संचालक जनसंपर्क विभाग ने साधराम लहरें के खिलाफ रिकवरी आदेश रुपए 4 लाख 73 हजार 281 जारी किया था। इसके परिवेदीत होकर हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और मोनिका ठाकुर के माध्यम से रिट याचिका प्रस्तुत किया गया।
पंजाब राज्य बनाम रफीक मसीह को बनाया आधार
अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और मोनिका ठाकुर की रिट याचिका की सुनवाई 14 जुलाई 2023 को जस्टिस पी. सेम. कोसी जी की एकल पीठ में हुई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह आधार लिया कि पंजाब राज्य बनाम रफीक मसीह में पारित किए गए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए यह बात सामने लाई गई की जहां पर वेतन निर्धारण में त्रुटि हुई है। उन कर्मचारियों से वसूली की पात्रता नहीं होगी। यह की रफीक मसीह के केस केस के माध्यम से केंद्र सरकार ने भी सारे सरकारी विभागों में सर्कुलर जारी किया हुआ है, जोकि रफीक मसीह केस में दिए गए पांच खंडों को माध्यम बनाकर वसूली पर रोक लगाते हुए निर्देश है।
उच्च न्यायालय में याचिका की सुनवाई करते हुए जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी वसूली आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को 1 माह के भीतर पेंशन और सेवानिवृत्ति बकाया देने के निर्देश के साथ प्रकरण का निराकरण किया गया है।