संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर हुकमचंद मिल मजदूरों को भुगतान का इंतजार सीएम डॉ. मोहन यादव के राशि मंजूर करने के बाद भी खत्म नहीं हुआ है। सीएम ने 25 दिसंबर को इंदौर में बड़े आयोजन में सिंगल क्लिक कर 217.86 करोड राशि लिक्विडेटर के खाते में डाली थी और पूरी प्रक्रिया एक माह में पूरी कर मजदूरों के खाते में राशि आने की बात कही गई थी। लेकिन अभी तक राशि नहीं आई है। इस मामले में हाईकोर्ट इंदौर ने कम्पलायंस रिपोर्ट मांगी थी, जिस पर सोमवार (5 फरवरी) को सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने तीन दिन में राशि वितरण का काम करने के निर्देश दिए और 26 फरवरी को फाइनल कम्पलायंस रिपोर्ट मांगी है।
सालसा कमेटी के सदस्य को बदला गया
हाईकोर्ट इंदौर ने इसके पहले 29 जनवरी से 15 दिन के भीतर राशि वितरण पूरा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक वितरण शुरू नहीं हुआ है। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी बनी है जिसमें सालसा के सचिव, तहसीलदार मल्हरागंज और मजूदर संघ के सचिव कृष्णलाल बोकरे हैं। दस्तावेज सत्यापन में कई पुराने रिकार्ड मांगे जा रहे हैं जो नहीं मिल रहे हैं। मजदूरों का साफ कहना है कि जो जीवित है उन्हें तो वितरण किया जाए, बाकी जहां मजदूरों के वारिस है और सत्यापन करना है वहां दस्तावेज और चेक कर लिए जाएं। अभी तक 2324 मजदूरों के दस्तावेज सत्यापित हो चुके हैं तो इन्हें भुगातन किया जाए। उधर हाईकोर्ट ने सालसा सचिव की जगह विधिक सलाहकार मनीष कौषिक को अब कमेटी में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि बार-बार किसी ना किसी कारण से वितरण में देरी हो रही है, इसे जल्द शुरू कीजिए। वहीं हाईकोर्ट में बताया गया कि मजदूरों के खाते खुल गए हैं, सत्यापन का काम शुरू हो चुका है, जल्द वितरण शुरू होगा।
दिसंबर 1991 से परेशान हो रहे मजदूर
यह मिल 12 दिसंबर 1991 को एकदम से बंद कर दी गई, तब मिल में 5895 मजदूर कार्यरत थे। तभी से यह बकाया भुगतान की लड़ाई लड़ रहे हैं। साल 2007 में हाईकोर्ट ने मजदूरों के लिए 228 करोड़ का मुआवजा तय किया। यह राशि मिल की जमीन बेचकर दी जाना था। निगम और हाउसिंग बोर्ड ने आपसी सहमति से मिल की जमीन पर प्रोजेक्ट लाने पर समझौता किया और हाउसिंग बोर्ड ने तय राशि लिक्विडेटर को दे दी, ताकि मजदूरों को भुगतान हो सके। सीएम डॉ. यादव की उपस्थिति में इंदौर में 25 दिसंबर को बड़ा आयोजन भी हो गया, बात एक माह में भुगतान की थी लेकिन अभी तक एक भी मजदूर को राशि नहीं मिली।