संजय गुप्ता, INDORE. हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा हाल ही में एक याचिका पर फैसला दिया कि राज्य सेवा परीक्षा 2019 की पहली मेंस से इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई 1918 उम्मीदवार और स्पेशल मेंस देने वाले 2700 उम्मीदवारों के रिजल्ट के नॉर्मलाइजेशन से नई मेरिट तैयार कर रिजल्ट निकाला जाए और इंटरव्यू लिए जाएं। इस फैसले के बाद असमंजस की स्थिति है। इसके सहित कई मुद्दों पर द सूत्र ने पीएससी में जाकर सीधी बात की।
इसमें साफ हुआ कि राज्य सेवा परीक्षा 2019 के इंटरव्यू नहीं रोके जाएंगे। हाईकोर्ट का आदेश विधिक सलाह के लिए गया है। इसके बाद आयोग विधिक कदम उठाएगा। वहीं सूत्रों के अनुसार यह फैसला काफी जटिल है और इससे स्थितियां उलझ गई है, इसलिए या तो इस फैसले को लेकर हाईकोर्ट से स्पष्टीकरण लेना होगा या फिर हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील करना होगी। इस पर विधिक सलाह के बाद ही फैसला होगा, इन सभी में समय लगेगा, इसलिए लेकिन इंटरव्यू नहीं रुकेंगे। उधर, राज्य सेवा परीक्षा 2021 मेंस की कॉपियों का मूल्यांकन जारी है जो सितंबर माह चलेगा। यानी यह रिजल्ट अक्टूबर मध्य या अंत तक संभावित है।
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पीएससी प्रवक्ता डॉ. रविंद्र पंचभाई से सीधी बात
साल 2019 की परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद क्या करने जा रहा है आयोग?
डॉ. पंचभाई- आयोग इस मामले में माननीय हाईकोर्ट के फैसले पर विधिक सलाह ले रहा है, इस सलाह के बाद ही इस पर आयोग फैसला करेगा कि क्या कदम उठाए जाएं।
साल 2019 की परीक्षा के इंटरव्यू चल रहे हैं, क्या यह रोके जाएंगे?
डॉ. पंचभाई- अभी आयोग ने इस तरह का फैसला नहीं लिया है, इंटरव्यू जारी है और जारी रखे जाएंगे।
कुछ उम्मीदवार हाईकोर्ट से साल 2019 परीक्षा के इंटरव्यू के लिए आदेश लेकर आए थे?
डॉ. पंचभाई- माननीय हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश से जो भी उम्मीदवार इंटरव्यू में शामिल के लिए पात्र हुए हैं, उन्हें शामिल करने की प्रक्रिया की जा रही है।
राज्य सेवा परीक्षा 2020 के रिजल्ट हो चुके हैं लेकिन अभी इन्हें ज्वाइनिंग नहीं हुई है?
ड़ॉ. पंचभाई- जॉइनिंग का फैसला शासन स्तर पर होता है, वहीं से प्रक्रिया होगी, हमने भर्ती कर मेरिट सूची दे दी है।
राज्य सेवा परीक्षा 2021 की मेंस के बाद रिजल्ट कब तक संभावित है?
डॉ. पंचभाई- मेंस की कॉपियों के मूल्यांकन की प्रक्रिया जारी है, सितंबर माह में अभी और मूल्यांकन प्रक्रिया जारी होगी, इसके बाद ही रिजल्ट जारी हो सकेगा।
राज्य सेवा परीक्षा 2022 मेंस के लिए क्या तैयारी है?
डॉ. पंचभाई- इसकी मेंस का शेड्यूल जारी कर दिया है, यह 30 अक्टूबर से होंगे।
इसके बाद परीक्षाओं का क्या शेड्यूल है, इंजीनियरिंग और लोक अभियोजक के इंटरव्यू रूके हैं?
डॉ. पंचभाई- राज्य सेवा परीक्षाएं जारी है, अन्य परीक्षाएं होना है, अभी 2019 के इंटरव्यू अक्टूबर तक चलेंगे फिर इंजीनियरिंग और लोक अभियोजन के इंटरव्यू होंगे। इसके साथ ही आयुर्वेद के भी है इटंरव्यू है। बाकी जो कम पद वाली परीक्षाएं है, इनके इंटरव्यू हम बीच-बीच में रख रहे हैं। ताकि इसके लिए अभ्यर्थी को लंबा इंतजार नहीं करना पड़े।
हर बार कोशिश होती है जीरो ईयर नहीं हो, क्या राज्य सेवा परीक्षा 2023 का नोटिफिकेशन होगा?
डॉ. पंचभाई- बिल्कुल जीरो ईयर नहीं होगा, अध्यक्ष महोदय चाहते हैं कि एक साल वाले सिस्टम पर हम लोग आ जाएं। इसी के तहत काम जारी है और आयोग की कोशिश है कि यह जीरो ईयर नहीं हो।
सेट के लिए मांग है कि पात्रता प्रतिशत 6 फीसदी है जबकि बीते बार यह 15 फीसदी था?
डॉ. पंचभाई- सेट की परीक्षा पूरी तरह से यूजीसी के मानकों और उनकी तय प्रक्रिया के अनुसार ही होती है। यदि पात्रता प्रतिशत 15 फीसदी होगा तो हम करेंगे। इसे एक बार देखना होगा।
राज्य सेवा परीक्षा 2019 की क्या है कहानी?
राज्य सेवा परीक्षा 2019, कुल 571 पदों के लिए हुई थी। इस परीक्षा में कमलनाथ सरकार के समय ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी करने के साथ ही नियम आया कि आरक्षण में माइग्रेशन नहीं होगा, यानी जो उम्मीदवार जिस कैटेगरी में चयनित हुआ है वह उसी कैटेगरी में रहेगा और मेरिट के आधार पर अन्य कैटेगरी में शिफ्ट नहीं होगा। इसी आधार पर रिजल्ट जारी हुए और 1918 उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित हुए, उनके इंटरव्यू होने ही वाले थे कि हाईकोर्ट ने इस नियम को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया।
इसके बाद फिर पीएससी ने माइग्रेशन करते हुए सभी रिजल्ट शून्य करते हुए नए सिरे से राज्य सेवा परीक्षा 2019 की प्री का रिजल्ट निकाला, इसी दौरान 87-13 फीसदी का भी फार्मूला जारी हो गया और फिर से मेंस कराने का फैसला लिया गया। इस रिजल्ट के विरोध में 1918 उम्मीदवार हाईकोर्ट गए और फैसला आया कि सभी की मेंस की जरूरत नहीं है, नए सिरे से पात्र उम्मीदवारों की ही स्पेशल मैंस की जाए और नार्मलाजेशन करते हुए रिजल्ट जारी कर इंटरव्यू हो और छह माह में प्रक्रिया पूरी हो। इसके बाद स्पेशल मैंस हुई जिसमें करीब 2700 उम्मीदवार शामिल हुए और फिर नए सिरे से आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा मेंस का (मूल मेंस और स्पेशल मेंस को मिलाकर) रिजल्ट जारी किया जिसमें 1983 उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए पात्र हुए। लेकिन कुछ उम्मीदवार जिन्हें नए रिजल्ट में बाहर कर दिया था और जो इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित (1918 में से) हो चुके थे, वह हाईकोर्ट गए और उनके लिए अंतरिम आदेश हुए कि इन्हें इंटरव्यू के लिए प्रावधिक तौर पर पात्र घोषित किया जाता है।
वहीं हाईकोर्ट जबलपुर में एक अन्य याचिका जो नॉर्मलाइजेशन और अन्य बिंदुओं को लेकर लगी थी, इस पर 24 अगस्त को जबलपुर हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि 1918 पात्र उम्मीदवारों के साथ स्पेशल मेंस देने वाले 2700 उम्मीदवारों के नॉर्मलाइजेशन के साथ नया रिजल्ट तैयार कर इंटरव्यू लिए जाएं। इसी के चलते यह पूरा असमजंस हुआ है। वहीं पहले ही राज्य सेवा परीक्षा 2019 को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक विविध याचिकाएं लंबित हैं।
करीब 1500 उम्मीदवार कॉमन हैं, मुद्दा करीब 400 उम्मीदवारों का ही है
गौरतलब बात यह है कि चाहे बात 1918 उम्मीदवारों की पहली पात्र सूची की करें या फिर बाद में आए रिजल्ट में इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ घोषित 1983 उम्मीदवारों की हो। दोनों ही सूची में 1500 से ज्यादा उम्मीदवार कॉमन है। जो दोनों ही सूची में पात्र है। लेकिन करीब 400 उम्मदीवारों की पात्रता उलझी हुई है, वहीं 1918 में पहले 87-13 का फार्मूला नहीं था, इसके चलते कई उम्मीदवार 13 फीसदी की सूची में खिसक गए हैं। इनके लिए समस्या यह है कि इस सूची में इंटरव्यू देने वाले उम्मीदवारों के नाम बंद लिफाफे में ही रहेंगे जब तक कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता, यानी इनकी भर्ती अनिश्चित होगी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही टिकी रहेगी। इसके चलते यह भी चाहते हैं कि इन्हें 87 फीसदी वाले रिजल्ट की सूची में जाने को मिल जाए। इसी के चलते एक के बाद एक कई याचिकां उम्मीदवार लगा रहे हैं।