संजय गुप्ता, Indore. इंदौर में पलासिया चौराहे पर 15 जून (गुरुवार) की रात को बजरंग दल कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन, ट्रैफिक जाम के बाद काफी बवाल हुआ था। पुलिस के भारी लाठी चार्ज मामले की जांच के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान के सबसे विश्वसनीय अधिकारियों में से एक माने जान वाले आईपीएस एडीजी विपिन माहेश्वरी इंदौर पहुंच चुके हैं। माहेश्वरी 16 जून देर रात इंदौर पहुंचे और 17 जून (शनिवार) सुबह उन्होंने जांच के लिए बजरंग दल के पदाधिकारियों को फोन भी लगवा दिए। लेकिन बजरंग दल पदाधिकारियों ने आने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जांच कर रहे हैं तो पहले औपचारिक नोटिस, समन भेजिए, इसके बाद जांच के लिए सभी को लेकर आएंगे और बयान करा देंगे। बाकी बात आप उच्च पदाधिकारियों से ही करिएगा।
शाम तक बयान कराने की तैयारी, एडमिट हुए बिजवे
घटना में पुलिस जवानों के साथ ही बजरंग दल के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले बजरंग दल के पदाधिकारी राजेश बिजवे (जिन्होंने कुर्ता उठाकर घाव दिखाए थे) देर शाम फिर तकलीफ बढ़ने पर निजी अस्पताल में एडमिट हुए। बजरंग दल उन सभी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को संदेश भेजकर शाम को एक साथ लाने की तैयारी कर रहा है, जिन्हें चोटें आई हैं। खासकर वह 11 पदाधिकारी तो तय है जिन्हें औपचारिक गिरफ्तार किया गया था और बाद में मुचलके पर छोड़ा गया, ताकि जांच अधिकारी माहेश्वरी को बता सकें कि किस हद तक लाठी चार्ज किया गया है और इसमें किस-किस अधिकारी की भूमिका रही है।
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अभी कई अधिकारियों पर गिरेगी गाज, रिपोर्ट अहम
माहेश्वरी की यह रिपोर्ट काफी अहम है और इसमें सबसे बड़ा फैक्टर बजरंग दल पदाधिकारियों द्वारा लिए जाने वाले नाम होंगे, यह जो भी नाम लेंगे उन पर गाज गिरने की पूरी संभावना है। इसमें डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया और टीआई पलासिया संजय सिंह बैंस के साथ ही टीआई संतोष यादव, टीआई तहजीब काजी और संयोगितागंज जोन की एसीपी पूर्ति तिवारी का नाम सबसे आगे हैं। कई टीआई और थाने के बल का स्टॉफ बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर हुई एफआईआर में नामजद गवाह के तौर पर ही शामिल किए गए हैं।
लाठीचार्ज फिर 250 कार्यकर्ताओं पर एफआईआर से गुस्से में संगठन
विश्व हिंदू परिषद इस पूरी गठना से भारी नाराज है। पहले जमकर लाठीचार्ज हुआ तो वहीं बाद में रात तीन बजे 250 कार्यकर्ताओं पर बलवे व अन्य धाराओं में एफआईआर भी हुई। हिंदू संगठनों ने इंदौर में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए शुक्रवार को पहले ही साफ कर दिया कि 48 घंटे का समय दिया गया है कि सरकार जिनके हमने नाम बताए उन पर कार्रवाई करें, नहीं तो पूरे मालवा, इंदौर में प्रदर्शन किए जाएंगे। परिषद के मालवा प्रांत के मंत्री सोहन विश्वकर्मा ने साफ चेतावनी दी कि जनप्रतिनिधि नहीं भूले कि उन्हें चुनाव के लिए आना है, तब कार्यकर्ताओं का गुस्सा सहन करने के लिए तैयार रहें।
खुलकर सामने नहीं आ रहे बीजेपी नेता, किसी ने ट्वीट तक नहीं किया
उधर इस घटना के बाद पूरी बीजेपी ने चुप्पी साध ली है, बात-बात पर घटनाओं को लेकर बयान देने वाले और टिव्ट करने वाले नेता चुप है। उनकी स्थिति ना उगलने वाली और ना निगलने वाली हो गई है। ले-देकर घटना वाले दिन ही विधायक मालिनी गौड़ की प्रतिक्रिया आई और उनकी ओर से बेटे एकलव्य ने पीड़ितों से मुलाकात की, बाद में नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे जेल में मिलने गए लेकिन प्रतिक्रिया नहीं दी। अगले दिन गृहमंत्री ने केवल टीआई को लाइन अटैच करने और जांच कराने की बात कही और इस तरह की बात प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कही। उधर दो लाइन की सूचना मंत्री तुलसी सिलावट की ओर से जनसंपर्क से जारी हुई लेकिन औपचारिक वीडियो बयान सामने नहीं आया और ना ही कोई टिव्ट सामने आया। बीजेपी के इस व्यवहार से भी परिषद की भारी नाराजगी है, उन्होंने साफ कर दिया हम सरकार के नुमाइंदे नहीं है, वह क्या सोचती है, हमें इससे फर्क नहीं पड़ता।