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CHANDIGARH. हरियाणा के DGP बनने की रेस से IPS मनोज यादव बाहर हो गए हैं। UPSC पैनल ने केंद्र को नाम भेजने से पहले उनका नाम हटा लिया है। गृह मंत्री अनिल विज ने IPS मनोज यादव का नाम हटाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर से सिफारिश की थी, जिसे उन्होंने मान लिया है।
हरियाणा के DGP रह चुके हैं IPS मनोज यादव
IPS मनोज यादव हरियाणा के डीजीपी रह चुके हैं। वे इंटेलिजेंस ब्यूरो से 2 साल के लिए हरियाणा में डीजीपी पद के लिए प्रतिनियुक्ति पर आए थे। प्रदेश सरकार की सिफारिश पर उनका कार्यकाल 1 साल के लिए या अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया था।
मनोज यादव की विज और IPS वाई पूर्ण कुमार से नहीं बनी
IPS मनोज यादव की गृह मंत्री अनिल विज और आईपीएस वाई पूर्ण कुमार के साथ कभी नहीं बन सकी। दरअसल, अगस्त 2020 को सार्वजनिक अवकाश के दिन तत्कालीन IG वाई पूर्ण कुमार के थाने में बने मंदिर में जाने पर पहले DGP की तरफ से पूछे सवाल से खूब विवाद हुआ था। आईजी ने इस मामले में डीजीपी पर FIR दर्ज करने को लेकर 19 मई को SP अंबाला को शिकायत तक कर दी थी। डीजीपी ने इस मामले में गृह मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात की थी, लेकिन उन्होंने अफसरशाही का मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया था।
गृह मंत्री विज मनोज यादव को बता चुके हैं अक्षम अधिकारी
पूर्व डीजीपी मनोज यादव से विवाद की वजह से गृह मंत्री अनिल विज उनकी कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठा चुके हैं। वे गृह सचिव द्वारा भेजी गई फाइल पर ही उनके खिलाफ टिप्पणियां लिख चुके हैं। इन टिप्पणियों में गृह मंत्री ने पुलिस महानिदेशक मनोज यादव को न केवल अक्षम अधिकारी करार दिया था, बल्कि राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं संभाल पाने के लिए उन्हें कठघरे में भी खड़ा कर दिया था।
ये अफसर अब भी रेस में
1988 बैच के IPS अधिकारी पीके अग्रवाल के सेवा विस्तार के साथ ही हरियाणा सरकार ने नए डीजीपी के चयन के लिए 8 सीनियर IPS अधिकारियों का पैनल तैयार किया है। इस पैनल को जल्द ही केंद्रीय लोकसेवा आयोग के पास भेजा जाएगा। लोक सेवा आयोग की तरफ से 8 नामों में से 3 नाम का पैनल वापस राज्य सरकार के पास पहुंचेगा, इन 3 नामों में से किसी एक आईपीएस अधिकारी को प्रदेश सरकार पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्ति देगी। पैनल में डीजीपी रैंक के आईपीएस अधिकारी डॉ. आरसी मिश्रा, जेल महानिदेशक मोहम्मद अकील, एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और डीजीपी होमगार्ड देशराज सिंह के नाम शामिल है। वहीं एडीजीपी रैंक के आईपीएस अधिकारियों में ओपी सिंह, आलोक कुमार राय, एसके जैन और अजय सिंघल के नाम पैनल में जोड़े गए हैं।
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पीके अग्रवाल को मिल सकता है एक्सटेंशन
हरियाणा के DGP पीके अग्रवाल को डेढ़ महीने का एक्सटेंशन मिल सकता है। इसकी वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार राज्य के डीजीपी का कार्यकाल न्यूनतम 2 साल का होता है, बेशक उनकी रिटायरमेंट कभी भी हो। हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने डीजीपी के कार्यकाल को लेकर गृह मंत्रालय में एक आरटीआई याचिका लगाई थी, जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है। इसके बाद DGP पीके अग्रवाल 15 अगस्त तक पद पर बने रह सकते हैं। वैसे पीके अग्रवाल 30 जून को रिटायर होने वाले हैं।