कहीं दृश्यम फिल्म की कहानी तो नहीं गढ़ रहा अमित, महाराष्ट्र पुलिस ने बंद की सना के शव की तलाश, अन्य साक्ष्यों पर फोकस

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Chandresh Sharma
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कहीं दृश्यम फिल्म की कहानी तो नहीं गढ़ रहा अमित, महाराष्ट्र पुलिस ने बंद की सना के शव की तलाश, अन्य साक्ष्यों पर फोकस

Jabalpur. हत्या का अपराध साबित करने के लिए मृतक की लाश या फिर उसके शरीर का कोई अवशेष बरामद होना जरूरी होता है। लेकिन महाराष्ट्र की बीजेपी नेत्री सना खान की हत्या के केस में पुलिस ने अब उसकी लाश की तलाश बंद कर दी हैं। पुलिस का मानना है कि नर्मदा नदी की अथाह जलराशि में एक लाश को खोज पाना बेहद मुश्किल है, खासकर तब जब उसे बहाए 15 दिन हो चुके हों। दरअसल अमित जिस जगह पर सना की लाश नदी में फेंकने की बात कह रहा है उससे थोड़ी ही दूर पर हिरन नदी नर्मदा में मिल जाती है। इस मामले की तफ्तीश कर रही महाराष्ट्र पुलिस की टीम अब मामले से जुड़े अन्य सबूत इकट्ठा करने पर फोकस कर रही है। दूसरी तरफ शहर में चर्चा यह भी है कि कहीं आरोपी अमित साहू ने फिल्म दृश्यम की तर्ज पर लाश को कहीं गायब तो नहीं कर दिया, ताकि 50 लाख भी न देने पड़ें और सबूतों के अभाव में वह जल्द छूट भी जाए। 



शातिर अपराधी है आरोपी अमित साहू



दरअसल सना खान मर्डर केस का मुख्य आरोपी उसका कथित पति अमित साहू उर्फ पप्पू शातिर अपराधी है। करीब 10-11 साल पहले वह हत्या के एक मामले में जेल जा चुका है, जहां से जमानत पर रिहा हुआ। इसके बाद उसने झगरा गांव में ढाबा खोलकर अवैध शराब बेचने समेत कई काले कारनामे किए हैं। ऐसे में यह कयास लगाना स्वाभाविक है कि 50 लाख की रकम को हड़पने अमित ने फिल्म दृश्यम से प्रेरित होकर यह कहानी तो नहीं गढ़ी है। हो सकता है कि अमित ने भारी बारिश के चलते सना की लाश हिरण नदी में फेंकने का झांसा दिया हो, और लाश को कहीं और ठिकाने लगाया हो। ताकि पुलिस हिरन और नर्मदा नदियों की खाक छानती रह जाए और समय बीतने के बाद उसे जमानत का लाभ भी मिल जाए। 



पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले



इससे पहले फिल्म दृश्यम से प्रभावित होकर हत्या किए जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। जबलपुर में ही घमापुर थाना पुलिस ने करीब 9 साल से लापता एक युवक का शव गटर में से निकाला था। जिसे मारकर आरोपियों ने गटर में फेंक दिया था। सालों पहले भंवरी देवी हत्याकांड में भी सीबीआई को सालों बाद मृतका की कुछ हड्डियां बरामद हुई थीं, उस मामले में भी पुलिस ने लाश की तलाश बंद कर दी थी। जाहिर है अमित लंबे समय तक जेल में रह चुका है, अपराध और अपराध का स्वभाव उसके जेहन में अच्छे से भरा हुआ है। दूसरी तरफ पुलिस सना की हत्या से जुड़े अन्य साक्ष्यों को ढूंढ रही है। 



न मोबाइल मिला, न जेवरात



पुलिस को न तो सना के मोबाइल मिले हैं, न ही उसके पहने हुए जेवरात का कोई अता-पता है। पुलिस कोशिश में है कि उसकी लाश नहीं तो मोबाइल और जेवरात ही मिल जाएं जिससे कड़ी से कड़ी जोड़ी जा सके। उधर सना खान के परिजन एक बार फिर जबलपुर पहुंचे हैं। वे इस मामले में शायद पुलिस को कोई अहम सुराग मुहैया करा पाएं। 



यह था मामला



महाराष्ट्र में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे की पदाधिकारी सना खान 2 अगस्त को जबलपुर अपने कथित पति अमित साहू से मिलने पहुंची थी। गोराबाजार इलाके के राजुल अपार्टमेंट में उनका विवाद हुआ, जिसके बाद से ही सना और अमित दोनों लापता थे। काफी दिनों के बाद पुलिस ने अमित और उसके दो साथियों को पकड़ा तो अमित ने सना की हत्या कर उसकी लाश हिरन नदी में बहाने की बात पुलिस के सामने कबूल कर ली। 



सबसे पहले नौकर ने बताई थी नदी में लाश बहाने की बात



इस मामले में सबसे पहले सना के परिजनों ने यह खुलासा किया था कि अमित साहू के ढाबे में काम करने वाले नौकर ने पुलिस को यह जानकारी दी थी कि उसने अमित की कार में लगे खून को साफ किया था। उसने यह भी पुलिस को बताया था कि सना की लाश को हिरन नदी में फेंका गया है। पुलिस इस मामले में कई दिनों तक चुप रही फिर अमित के पकड़े जाने के बाद इस बात की पुष्टि कर दी गई थी। 

 


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