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NEW DELHI: मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान महिला के साथ बर्बता की घटना को लेकर पूरा विपक्ष बीजेपी सरकार के खिलाफ लामबंद हो गया है। देश के अलग-अलग राज्यों के विधानसभाओं से लेकर सड़क तक इसका विरोध किया जा रहा है। वहीं देश की संसद में महिला सुरक्षा के मुद्दों को लेकर दोनों पक्ष हमलावर नजर आ रहें है।
आज (सोमवार) सदन की कार्रवाई शुरु होते ही राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई बदसलूकी को लेकर चर्चा की मांग को उठाते रहे। जिस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें अपनी सीट पर बैठने को कहा। लेकिन जब टीएमसी के सांसद नहीं माने तो फिर सभापति ने कहा कि आप स्पीकर की कुर्सी को चुनौती दे रहें है। जिसके बाद राज्सभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।
दरअसल मणिपुर में महिलाओं के साथ बर्बता का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी पार्टियां सदन में चर्चा की मांग कर रही हैं। साथ ही विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग भी कर रहे है।
पीएम मोदी ने की थी निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के साथ यौन रूप में की गई बदसलूकी का मानसून सत्र के पहले दिन ही संसद के बाहर निंदा की थी। पीएम ने इस घटना को लेकर कहा था कि इससे देश की बेइज्जती हो रही है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के अतिरिक्त कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति पर चिंता जाहिर की थी।
इसी के बाद अब बीजेपी के नेता और सांसद भी महिलाओं की स्थिति के मुद्दे को कई मंचो पर उठा रही है।
बीजेपी सांसद का सदन के बाहर प्रदर्शन
आज (सोमवार) बीजेपी सांसद सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के पास महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। वहीं बीजेपी सांसद रवि किशन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तीफे की मांग कर रहे है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में दलितों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ बीजेपी के सांसद आंदोलन कर रहे है। दलितों के साथ अत्याचार बंद हो जाना चाहिए।
विपक्षी पार्टियों ने भी किया सदन के बाहर प्रदर्शन
बीजेपी के विरोध में विपक्षी गठबंधन “इंडिया” के नेताओं ने भी सदन के बाहर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वहीं विपक्षी गठबंधन “इंडिया” के नेताओं ने मांग की है प्रधानमंत्री मोदी संसद के दोनों सदनों बयान दें।
बातचीत के लिए तैयार सरकार
देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। वहीं संसद के बाहर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी कहा कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है। लेकिन विपक्ष के सांसद कहते हैं कभी पीएम सदन में आए, कभी कुछ और। उन्होंने कहा कि हमारे सांसद भी मणिपुर पर बहस के लिए तैयार है। साथ ही राजस्थान और पश्चिम बंगाल के महिलाओं के अत्याचार के मुद्दों पर विपक्षी नेताओं से बहस करने में क्या दिक्कत है?