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वेंकटेश कोरी, JABALPUR. मध्यप्रदेश के बिजली मुख्यालय कहे जाने वाले जबलपुर में ही बिजली की सबसे ज्यादा चोरी हो रही है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत आने वाले 5 संभागों में पूर्व संभाग ऐसा है जहां बिजली की खपत का 50 प्रतिशत हिस्सा लाइन लॉस में जा रहा है। ये लाइन लॉस बिजली चोरी से लेकर अन्य वजहों से हो रहा है। अकेले पूर्व संभाग की बात करें तो यहां बिजली की खपत औसतन 97.34 लाख यूनिट होती है जिसमें से 68.47 लाख यूनिट की बिजली चोरी हो रही है। खपत के मुकाबले लाइन लॉस का औसत निकाला जाए तो पूर्व संभाग में हर महीने 3 से 4 करोड़ की बिजली की चोरी हो रही है।
इन वजहों से होता है लाइन लॉस
जबलपुर के 5 संभागों में से पूर्व संभाग में सबसे ज्यादा लाइन लॉस सामने आ रहा है। लाइन लॉस की अगर बात करें तो सबसे ज्यादा बिजली की चोरी होने के साथ-साथ डिस्कनेक्शन के बावजूद भी लाइन जोड़कर बिजली की खपत होने, बिजली लाइन में तार फंसाकर बिजली चालू करने और उपकरण खराब होने के चलते ही खपत का 50 फीसदी हिस्सा लॉस में जा रहा है। पूर्व संभाग में यूं तो 67 हजार 814 उपभोक्ता दर्ज हैं, जिनसे 97.34 लाख यूनिट बिजली की खपत होती है जबकि लाइन लॉस की बात करें तो 68.47 लाख यूनिट बर्बाद हो रहा है।
इसी संभाग में हैं सबसे ज्यादा बकायादार
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत जबलपुर में पश्चिम, दक्षिण, उत्तर, पूर्व और विजयनगर संभाग आते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बकायादार भी पूर्व संभाग में ही चिन्हित हैं। कुल उपभोक्ताओं की बात करें तो इस संभाग में 67 हजार 814 उपभोक्ता दर्ज हैं, जिनमें से 26 हजार 825 उपभोक्ता बकायादार की श्रेणी में हैं। कई बार बिल भेजने के बावजूद ये बकायादार न तो बिलों की अदायगी करते हैं और न ही इन पर अधिकारियों की समझाइश का कोई असर पड़ रहा है।
कैसे रुकेगी बिजली चोरी ?
सिटी सर्किल के अधीक्षण अभियंता संजय अरोड़ा के मुताबिक उनके पास पर्याप्त मैनपावर है और संसाधन भी उपलब्ध हैं। लिहाजा लाइन लॉस को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वे खुद मौके पर जाकर बिजली चोरी और लाइन लॉस को रोकने की कोशिश करते हैं। अधीक्षण अभियंता का दावा है कि आने वाले दिनों में बिजली चोरी और अन्य वजह से होने वाले लाइन लॉस को कम करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।