RAIPUR. आय से अधिक संपत्ति के अलावा पद के दुरुपयोग और टेंडर में धांधली के आरोप में गिरफ्तार पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व जीएम अशोक चतुर्वेदी की रिमांड खत्म हो गई है। दरअसल, ईओडब्ल्यू- एसीबी की रिमांड खत्म होने पर अशोक चतुर्वेदी को सोमवार (10 जुलाई) को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
बता दें कि टेंडर में घोटला 2016 में किए जाने का आरोप है, जिसमें पूर्व जीएम के अलावा तत्कालीन सीनियर मैनेजर फाइनेंस के साथ जे शंकर, सच्चिदानंद शास्त्री, संजय पिल्ले के खिलाफ भी केस दर्ज है। सभी अधिकारी उस समय टेंडर समिति के सदस्य थे। इनकी सहमति से ही टेंडर जारी किया गया था। इसके अलावा टेंडर लेने वाले हितेश चौबे को भी आरोपी बनाया गया है।
बाकी आरोपियों से भी होगी पूछताछ
एसीबी और ईओडब्लू के जानकारों के अलावा अशोक चतुर्वेदी को जेल भेजे जाने के बाद अब बाकी आरोपियों से भी पूछताछ की जाएगी। उन्हें जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा। इसके अलावा पूर्व जीएम के खिलाफ दर्ज अन्य दो केस में भी एक-दो आरोपी हैं। उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
आरोप- चतुर्वेदी ने ठेकेदारों के पैसे बेटे के खाते में ट्रांसफर करवाए
गौरतबल है कि पूर्व जीएम अशोक चतुर्वेदी ने पद का दुरुपयोग करते हुए पाठ्य पुस्तक निगम के ठेकेदारों के पैसे अपने बेटे के खाते में ट्रांसफर करवाए हैं। पूर्व जीएम पर ईओडब्लू-एसीबी में तीन अलग-अलग केस दर्ज हैं। इसमें आय से अधिक संपत्ति के अलावा टेंडर में फर्जी कंपनियों को शामिल कर अपनी पसंद की फर्म को टेंडर दिलाने का आरोप है। इसके अलावा पद के दुरुपयोग का एक केस पंजीबद्ध है। इन मामलों में पूर्व जीएम को करीब 10 दिन पहले एसीबी ईओडब्लू की टीम ने आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले से गिरफ्तार किया था। उसके बाद से वे ईओडब्लू एसीबी के पास रिमांड पर थे। इस दौरान अशोक चतुर्वेदी के घर तलाशी यानी पूरी प्रॉपर्टी की जांच की गई थी।