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JAIPUR. जयपुर स्वायत्त शासन विभाग ने उप-महापौर समेत 10 पार्षदों को नोटिस जारी किया है। धारा-39 के तहत जारी नोटिस राजेंद्र वर्मा विवाद से जुड़ा हुआ है। पार्टी के पार्षद इसका विरोध कर रहे हैं। यही नहीं बल्कि उन्होंने आला नेता जो कि संगठन से जुड़े हुए हैं, उनसे इसकी शिकायत की है।
'मामले को सीएम तक पहुंचाया जाएगा'
कांग्रेस के सीनियर पार्षद उमरदराज ने कहा कि इस पूरे मामले में वर्मा की गलती थी। इसकी जांच पूरी न होने के पहले ही पार्षदों को नोटिस भेजना बिलकुल गलत है। उमरदराज का कहना है इससे जयपुर कांग्रेस कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा जयपुर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आर.आर. तिवाड़ी और जयपुर कांग्रेस की प्रभारी मोना तिवाड़ी से शिकायत करने आश्वासन तो दिया गया है कि इस मामले को सीएम तक पहुंचाया जाएगा।
बीजेपी पर निशाना
नगर निगम के डिप्टी मेयर असलम फारूकी ने भी इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन आरोपों को देखकर लगता है कि किसी के दबाव में ये पूरी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी कांग्रेस को कमजोर बनाने की साजिश रच रही है।
पार्षदों ने अपनी ही सरकार पर खड़े किए सवाल
बीजेपी अध्यक्ष राघव शर्मा ने इस मामले में अपनी राय देते हुए कहा कि पहली बार बिना मेयर के नगर निगम चल रहा है। कांग्रेसी पार्षद आपस में ही लड़ने में लगे हुए हैं। बता दें कि राजेंद्र वर्मा की शिकायत के आधार पर निलंबित मेयर हेरिटेज मुनेश गुर्जर, उप-महापौर असलम फारूकी, पार्षद उमर दराज, नीरज अग्रवाल, सुनिता मावर, राविया, अंजलि, श. कुरैशी, आयशा सिद्दीकी, फरीद कुरैशी को नोटिस जारी किए गए थे। इसको लेकर अब कांग्रेसी पार्षदों के साथ जयपुर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने भी अपनी ही सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।