JAIPUR. राजस्थान में सरकार के खिलाफ एक पखवाडे़ से बीजेपी का नहीं सहेगा राजस्थान अभियान चल रहा है। इस अभियान की समाप्ति पर आज 1 अगस्त मंगलवार को बीजेपी ने जयपुर में आक्रामक प्रदर्शन किया। सचिवालय को घेरने निकले हजारों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने करीब 2 घंटे तक सचिवालय पहुंचने वाले दो प्रमुख रास्तों पर जाम लगाए रखा। पुलिस को उन्हें नियंत्रित करने के लिए लाठियां और वॉटर केनन तक चलानी पड़ी। बीजेपी के अब तक सबसे आक्रामक और बड़े प्रदर्शन में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से लेकर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत तक सब नजर आए। इस पूरे प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे नजर नहीं आईं। बताया जा रहा है कि वे जयपुर में ही नहीं थीं।
कार्यकर्ताओं को जयपुर में नहीं करने दिया प्रवेश: BJP
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीपी जोशी ने 15 दिन पहले नहीं सहेगा राजस्थान अभियान शुरू किया था और इसके समापन के मौके पर पार्टी की ओर से सचिवालय के महाघेराव का ऐलान किया गया था। इसी के तहत आज प्रदेश भर से बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता जयपुर पहुंचे थे। पार्टी ने दावा किया था कि करीब 2 से 3 लाख लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, लेकिन इतनी संख्या नजर आई। पार्टी नेताओं ने आरोप लगाए कि सरकार ने हजारों कार्यकर्ताओं को जयपुर में प्रवेश नहीं करने दिया और हाइवे पर ही रोक दिया।
सुरक्षा के लिए पुलिस ने किए थे कडे़ इंतजाम
बता दें कि यह पिछले तीन-चार सालों में बीजेपी का सबसे बड़ा प्रदर्शन रहा। हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के बाहर हुई सभा में पहुंचे और इसके बाद दो अलग-अलग रास्तों से सचिवालय का घेराव करने पहुंचे। जयपुर के स्टेच्यू सर्किल और अम्बेडकर सर्किल पर करीब दो घंटे तक जाम की स्थिति रही। पुलिस को इन्हें तितर-बितर करने के लिए वॉटर केनन का इस्तेमाल करना पड़ा। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प में पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया को हल्की चोट आई। वहीं कुछ अन्य नेताओं को भी हल्की चोटें आई। बाद में पुलिस नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर ले गई। पार्टी कार्यकर्ताओं को सचिवालय जाने से रोकने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कडे़ इंतजाम किए थे और करीब डेढ़ हजार पुलिस और होमगार्ड के जवान यहां तैनात किए गए थे।
कार्यकर्ताओं ने रास्ता बदलकर पुलिस की बढ़ाई मुश्किल
घेराव के लिए पार्टी ने स्टेच्यू सर्किल वाला रास्ता ही तय किया था और ज्यादा भीड़ भी यही थीं। इसे देखते हुए पुलिस ने भी ज्यादा बल यहीं लगाया था, लेकिन पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ता अम्बेडकर सक्रिल वाले रास्ते से भी सचिवालय जाने की कोशिश करते दिखे। यहां पुलिस के जवान कम थे, इसलिए पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई और पुलिस को इन्हें नियंत्रित करने के लिए लाठियां भांजनी पड़ीं।
राजे गुट के नेता तो दिखे, लेकिन राजे नहीं दिखीं
पार्टी का यह बड़ा प्रदर्शन था और शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष खुद इस की तैयारियों की समीक्षा कर गए थे। उस बैठक में वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं, लेकिन मंगलवार को उनकी गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। हालांकि, उनके गुट के ज्यादातर नेता प्रदर्शन में नजर आए। वैसे इस प्रदर्शन के लिए उन्होंने एक ट्वीट जरूर किया। गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब राजे पार्टी की ओर से आयोजित ऐसे किसी प्रदर्शन से दूर रही हैं। वस्तुतः पिछले 4 वर्ष के दौरान वे नागरिकता संशोधन विधेयक CAA को लेकर जयपुर में हुए प्रदर्शन को छोड़ कर पार्टी के किसी भी अन्य बडे़ प्रदर्शन में शामिल नहीं हुई हैं। चूंकि यह चुनाव से पहले पार्टी का बड़ा और अहम प्रदर्शन था, इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि इसमें वे जरूर शामिल होंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राजे की गैर मौजूदगी के बारे में उनकी ओर से अधिकृत तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई। हालांकि, उनके नजदीकियों का कहना है कि वे जयपुर में नहीं थी। उनकी पुत्रवधु बीमार हैं, इसलिए वे दिल्ली गई हुई थीं।
प्रदर्शन में ये बोले नेता
सभा को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि भीड़ कांग्रेस में आती है, हमारे यहां देवतुल्य कार्यकर्ता और जनता आती है। इस बार कांग्रेस की हमेशा के लिए विदाई तय है। हम ना डरे हैं और ना झुके हैं यही नारा हमारा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता कांग्रेस से जवाब मांगती है। लाल डायरी का सच जानना चाहती है। इस सरकार ने लाल डायरी का नाम आते ही मंत्री को हटा दिया। इस सरकार ने तुष्टीकरण की सीमाएं लांघ दी है। उन्होंने अधिकारियों को भी चेतावनी दी कि अधिकारी कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह काम ना करें। 2023 के चुनाव के बाद उन्हें अधिकारी की तरह ही काम करना होगा। वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि जयपुर के सारे रास्ते बंद पडे़ हैं और जनता सरकार को यह कहने आई कि सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। कोटा में पीएफआई की रैली इजाजत और रामनवमी के जुलूस पर रोक लगाती है यह सरकार। आज इस सरकार के ताबूत में आखिर कील ठोकने के लिए आप आए हो।
2023 में कांग्रेस की ऐतिहासिक हार: अरुण सिंह
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सरकार धोखा देकर शासन में आई है। हम सबने मिलकर ठान लिया है कि इस सरकार को हम नहीं सहेंगे। जो सरकार पंक्चर हो गई हो, उसे हम नहीं सहेंगे। इस सरकार को जब तक नहीं हटाएंगे तब तक रुकेंगे नहीं। वहीं प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान की जनता कराह रही है। राजस्थान में 17 बलात्कार प्रतिदिन होते हैं, 28 जुलाई को 21 घटनाएं हुई हैं। गहलोत जी और इनके मंत्रियों का विवेक शून्य हो गया है। 2023 में कांग्रेस की ऐतिहासिक हार होगी।
सीएम के पैर में कील घुस गई: मीणा
सांसद किरोडी लाल मीणा ने कहा कि सीएम के पैर में कील घुस गई और इसलिए घुस गई कि आलाकमान ने पायलट और गहलोत को दोनों को बुलाया था। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता कैसे सहे कि शासन सचिवालय की अलमारी करोड़ो रूपए उगले और एक छोटे अधिकारी को बर्खास्त कर दिया जाए। आईटी के मामले में 5 हजार करोड़ का घोटाला किया है और इसके लिए गहलोत खुद जिम्मेदार हैं। जल जीवन मिशन में घोटाला हुआ। फाइलों को गायब करवा दिया। गहलोत का बेटा यहां से काले धन को मॉरीशस भेजता है और वो सफेद होकर आता है। पेपर लीक के आरोपी कौन से नेता हैं।
कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की सरकार है
वहीं उपनेता सतीश पूनिया ने कहा कि आज का ये आगाज, राजस्थान में अंजाम तक जाएगा। आपका जज्बा यह तय करेगा कि यह राजस्थान में कांग्रेस का विदाई समारोह होगा। इस सरकार ने सिर्फ कुर्सी की चिंता की है। यह तुष्टिकरण की सरकार है। अबलाओं को न्याय दिलाने के लिए इस सरकार को हटना जरूरी है।