JAIPUR. राजस्थान में जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को पति की गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया गया है। आपको बता दें कि मेयर का पति सुशील गुर्जर को रिश्वत कांड में गिरफ्तार कर लिया गया था। सुशील गुर्जर सहित दो दलालों को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2009 की धारा 39 के तहत मेयर के खिलाफ जांच की जा सकती है।
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परिवादी के पट्टे की फाइल जब्त
शासन विभाग ने बीता रात करीब 1:45 बजे मेयर के निलंबन के आदेश जारी किए। डीएलबी निदेशक हृदेश कुमार शर्मा के मुताबिक रिश्वत मामले में गिरफ्तार हुए सुशील गुर्जर के घर 41 लाख से ज्यादा नकदी बरामद हुई है। बता दें कि कार्रवाई के दौरान मेयर के घर से परिवादी के पट्टे की फाइल सहित 1 दर्जन से ज्यादा फाइलें जब्त की गई हैं। अब मेयर मुनेश से भी एसीबी की पूछताछ हो सकती है। डीएलबी निदेशक ने आगे कहा कि मेयर पद पर बने रहने से विचाराधीन जांच प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है। जिस वजह से मुनेश को मेयर और पार्षद वार्ड नंबर 43 नगर निगम जयपुर हेरिटेज के पद से हटा दिया गया।
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खाचरियावास ने कांग्रेस पर साधा निशाना
मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने इस बात पर सरकार के फैसले को सराहा है। उन्होंने कहा कि भृष्टाचार के खिलाफ ऐसे ही एक्शन लिए जाने चाहिए। खाचरियावास ने एसीपी से इस घटना से जुड़ी हुई रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक करने की अपील की है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की मेयर भ्रष्टाचार और चोरी के लिए नहीं बल्कि लोगों की भलाई के लिए बनाई गई थी।
कॉल डिटेल्स के जरिए निकालेगी जानकारी
आपको बता दें कि पुलिस आगे की कार्रवाई करने में जुटी हुई है। इसके साथ ही मेयर और उसके पति का भी फोन जब्त कर लिया गया है। जिसकी मदद से फोन से सारी कॉल डिटेल्स और वॉट्सऐप कॉल की जानकारी मिल सकती है।
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