संजय गुप्ता, INDORE. मप्र कांग्रेस के नए प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी सुबह इंदौर से उज्जैन के लिए रवाना हो गए। वहां से वह भगवान महाकाल के दर्शन कर भोपाल जाएंगे और दोपहर तीन बजे प्रदेशाध्यक्ष का पद संभालेंगे। इसके पहले उन्होंने इंदौर में गणेश जी की पूजा की और उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान समर्थकों की भीड़ उनके निवास राऊ विधानसभा के बीजलपुर में मौजूद थी। यहां पर उनके नए पोस्टर देखने को मिले। भाई नाना पटवारी व अन्य ने बॉस कहकर संबोधित किया और इसी नाम से नए पोस्टर भी जीतू के लगवाए गए। इंदौर में वैसे समर्थकों के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बॉस नाम से पहचाने जाते हैं।
इस तरह रहेगा पटवारी का भोपाल पहुंचने का मार्ग
जीतू पटवारी 11 बजे देवास में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद सोनकच्छ, आष्टा और सीहोर होते हुए दोपहर 3 बजे भोपाल पहुचेंगे। भोपाल पहुंचते ही जीतू का स्वागत किया जाएगा। जिसके बाद वह बैरागढ़, इमामी गेट बुधवारा, लिली टॉकिज, रोशनपुरा और लिंक रोड़-1 से होते हुए पदभार ग्रहण समारोह में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुचेंगे।
सामूहिक नेतृत्व की कर रहे हैं बात
प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर जीतू पटवारी मप्र में गुटीय राजनीति खत्म होने की बात कहते हुए सामूहिक नेतृत्व की बात कर रहे हैं। वह दिल्ली भी होकर आए हैं राहुल गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जु खड़गे से मुलाकात की थी। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की भूमिका को लेकर उन्होंने कहा कि वह हमारे नेता है और उनके आशीर्वाद, मार्गदर्शन में ही काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अब आने वाले समय में कांग्रेस के विचार को कैसे सामूहिक नेतृत्व के साथ घर-घर पहुंचना है, मैं इस भावना को जानता हूं। लोकसभ चुनाव चुनौती है।
सज्जन सिंह वर्मा, गुड्डु बता चुके सही कदम
कांग्रेस के इस बदलाव को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ग्रेट चेंज बता चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव पहले होना था, हाईकमान की कमजोरी के चलते यह फैसला देरी से हुआ। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के लिए मार्गदर्शक मंडल है, वह पूरी देश की कांग्रेस को अनुभव का लाभ दें और दिल्ली में भी उनके लिए पद है। वहीं पूर्व कांग्रेस सांसद व विधायक के बाद बागी हुए प्रेमचंद गुड्डु ने भी कांग्रेस की बदहाली के लिए कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार बताते हुए जमकर हमला बोला था।
49 साल के हैं जीतू पटवारी
पटवारी 49 साल के हैं। एलएलबी तक पढ़े हैं। इंदौर संभाग में भारत जोड़ो यात्रा और जन आक्रोश यात्रा की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 2020 में कमलनाथ सरकार को बचाने के लिए बेंगलुरु भी गए थे। पटवारी पहली बार 2008 में विधानसभा में राऊ से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। फिर 2013 में राऊ विधानसभा से दूसरी बार लड़े और विधायक बने थे। वह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट भी रह चुके हैं। इससे पहले वह मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने 2018 में राऊ से दूसरी बार चुनाव जीता, लेकिन तीसरी बार 2023 के विधानसभा चुनाव में पटवारी को हार का सामना करना पड़ा। वह प्रदेश में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने पर उच्च शिक्षा, युवा और खेल मामलों के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
मालवा-निमाड़ बना प्रदेश की सत्ता का केंद्र
बीजेपी ने डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री और जगदीश देवड़ा को उपमुख्यमंत्री बनाया है। दोनों मालवा-निमाड़ से आते हैं। उसी लिहाज से कांग्रेस ने भी 2024 के चुनाव को देखते हुए मालवा-निमाड के ही दो नेताओं को संगठन में बड़े पद दे दिए हैं। इनमें पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष और गंधवानी से विधायक उमंग सिंगार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। मालवा-निमाड़ में 66 सीटें आती हैं। कांग्रेस ने 2018 में यहां 34 सीट जीत सरकार बनाई। लेकिन इस बार 18 सीट पर ही सिमट कर बुरी तरह हार गई।