संजय गुप्ता, Indore. इंदौर में रह चुके और वर्तमान में झाबुआ में पदस्थ एसडीएम सुनील झा पर आदिवासी बच्चियों के होस्टल में जाकर उनसे गलत हरकत करने के चलते झाबुआ थाने में एफआईआर हुई थी। उन पर अन्य धाराओं के साथ ही पाक्सो एक्ट भी लगा था। अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने कलेक्टर झाबुआ की रिपोर्ट के बाद उन्हें तत्काल सस्पेंड कर बुरहानपुर अटैच के आदेश दिए हैं। घटना नौ जुलाई की दोपहर साढे तीन बजे की है। सस्पेंशन आधार दस जुलाई की रात को जारी हुआ और एफआईआर 11 जुलाई की सुबह साढे छह बजे हुई है।
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एफआईआर में इस तरह लिखी रसिया एसडीएम की हरकतें
यह एफआईआर 11 जुलाई को ही सुबह साढे छह बजे ही दर्ज हुई है। जो शासकीय कन्या छात्रावास के वार्डन व बच्चियों ने कराई है। इसमें कहा गया है कि- एसडीएम सुनील झा नौ जुलाई को दोपहर साढ़े तीन बजे औचक निरीक्षण के लिए आए। वह एक कमरे में गए और वहां बच्चियों से बात की, उन्हें गलत नियत से देखा। एक बच्ची के माथे पर चूमा, एक के गाल को भींचा। एक बच्ची के कमर को टाइट पकड़ा। साथ ही बच्चे उसके बाल सूंघे और पूछा कि कौन सा तेल लगाती हो। बाद में कहा यह तेल अच्छा नहीं लगा। वहीं एक बच्ची को पास में बैठाकर धीरे से पूछा कि पीरियड आते हैं या नहीं, आते है तो पेड कौन सा यूज करती हो और कहां से लाती है। एसडीएम इसके बाद बाहर कक्ष से बाहर निकले और पूछा कि सच बताओ अच्छा लगा या बहुत अच्छा।
यह लगी है धाराएं
एसडीएम सुनील झा पर आईपीसीए धारा 354 और 354 क, पाक्सो यानि लैंगिक अपराध से बालकों को संरक्षण एक्ट 2012 की धारा 11 व 12, अनुसूचित जाति व जनजाति एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। उन्हें निलंबित भी किया जा चुका है।
एसडीएम झा के और भी रहे हैं कांड
झाबुआ में उलझ गए झा इंदौर में पदस्थ रहते हुए एक महिला बीएलओ के साथ भी बदतमीजी करते हुए उलझे थे। कलेक्टर के पास शिकायत हुई थी कि उन्होंने महिला बीएलओ को थोड़ी देर अपने पास बैठकर चले जाने की बात कहते हुए पर्सनल नम्बर भी देने के प्रयास किए थे। शिकायत के बाद झा को एसडीएम क्षेत्र से हटाकर अन्य शाखाओं में पदस्थ किया गया था। इतना ही नहीं, कुछ समय पूर्व उन पर झाबुआ में ही रिश्वत लेने के गंभीर आरोप भी लगे। पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह उनकी ढीली कार्यशैली को लेकर नाराजगी जता चुके थे, हाल ही में झा के बेटे पर भी कनाडिय़ा थाने पर कुछ समय पूर्व छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज किया गया था। संभागायुक्त कार्यालय में नजूल जमीन पर बनी दुकानों में अनियमितता को लेकर भी जांच चल रही है।
आधी रात को बना सस्पेंड आर्डर
सूत्रों के अनुसार कलेक्टर झाबुआ तन्वी हुड्डा की रिपोर्ट और मामले की जानकारी सोमवार देर रात संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा को मिली। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए संभागायुक्त ने आधी रात को ही संबंधित अधिकारियों औऱ् स्टॉफ को बुलाया और देर रात संभागायुक्त कार्यालय खोला गया। कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर निलंबन आदेश बना और रात को ही जारी किया गया। साथ ही पुलिस अधिकारियों को भी इस मामले में बयान दर्ज कर तत्काल एफआईआर के निर्देश भी संभागायुक्त और आईजी द्वारा दिए गए। इसके बाद सुबह साढे छह बजे ही मंगलवार को झाबुआ थाने में एफआईआर भी हो गई।
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