RAIPUR. रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में आज से जूनियर डॉक्टर्स (जूडा) ने काम बंद कर दिया है। दरअसल, प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स ने आज ओपीडी में काम बंद कर दिया है। हालांकि इस दौरान अस्पताल परिसर में समानांतर ओपीडी चलाकर मरीजों की जांच की गई। उसके बाद भी मांगें पूरी नहीं किए जाने पर 2 अगस्त से जूडो ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवाओं को भी ठप करेंगे।
काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे डॉक्टर
प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स की संख्या 3 हजार से ज्यादा है। ये सभी प्रदेश अलग-अलग जिलों के मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। बता दें कि पिछले 1 हफ्ते से जूनियर डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे थे। जूडो का कहना है 6 महीने पहले से उनकी ओर से मांग की जा रही है। सरकार की ओर से केवल आश्वासन दिया जा रहा है। इस वजह से चिकित्सा सेवाएं ठप करने का निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ में भरवाया जा रहा बॉन्ड
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले कई महीनों से नाराज चल रहा है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि दूसरे प्रदेशों में जूनियर डॉक्टर्स को 90 हजार रुपए तक स्टाइपेंड दिया जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में 50 हजार से 55 हजार मानदेय दिया जा रहा है। दूसरे प्रदेशों में 4 साल का बॉन्ड भी नहीं भरवाया जाता जबकि छत्तीसगढ़ में बॉन्ड भरवाया जा रहा है।
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सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे जूनियर डॉक्टर
प्रदेश स्तरीय जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल में सरगुजा, कांकेर, जगदलपुर, रायगढ़, राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया है। इससे पूरे प्रदेश के अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। इससे पहले जूनियर डॉक्टर्स हफ्तेभर से काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने 1 अगस्त से काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी थी। जनवरी में भी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को ज्ञापन सौंपा था। 6 महीने बीतने के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर जूनियर डॉक्टर्स एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।