संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में हाईकोर्ट द्वारा तीन कॉलोनियों के पीड़ितों की सुनवाई के लिए बनी हाईकोर्ट रिटायर जज की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा बुधवार को सेटेलाइट हिल कॉलोनी को लेकर सुनवाई की गई। इस दौरान कमेटी के सामने ही कैलाश गर्ग और भूमाफिया चंपू उर्फ रितेश अजमेरा उलझ गए। दोनों ने एक-दूसरे को झूठा कहा। चंपू ने जब कहा कि इन्होंने कंपनी में मुझे डायरेक्टर बनाकर रजिस्ट्री करने का जिम्मा सौंपा था, तब गर्ग ने कहा कि मैंने 1997 से चल रहे बैंक लोन की लिमिट बढ़ाई थी और इस दौरान बैंक ने जमीन की पूरी जानकारी जुटाए बिना ही लोन मंजूर कर लिया और इसकी जानकारी मुझे भी नहीं थी और चंपू ने धड़ाधड वहां रजिस्ट्री कर दी, जैसे जमीन कहीं भाग रही हो। करीब दो घंटे तक यही बहस चलती रही और पीड़ितों को वापस लौटना पड़ा अब कमेटी गुरुवार को फिर सेटेलाइट मामले में सुनवाई करेगी।
गर्ग के बाद चंपू जमीन पर दावा करने वाले से उलझा
गर्ग से विवाद खत्म हुआ इसके बाद यहां एक व्यक्ति द्वारा दावा पेश किया गया कि यहां बीच में जमीन हमारी है जिस पर यहां साल 2006 औऱ् फिर 2007 में दूसरा नक्शा टीएंडसीपी से पास कराया गया। मेरी जमीन को लेकर विवाद है और चंपू मेरी जमीन नहीं दे रहा है। यहां पर प्लाट काटकर लोगों को रजिस्ट्री कर दी है, पहले मेरी जमीन चिन्हित हो। यह नक्शा ही गलत पास हुआ है। वहीं चंपू ने कहा कि इन्हें खुद ही अपनी जमीन नहीं पता है, जिनसे इनका लेन-देन हुआ है उन्हें पकड़े। हमारी ओर से तो निराकरण हो चुके हैं कुछ केस ही बाकी है।
पीड़ित चुपचाप बहस ही सुनते रहे
उधर पीड़ित सभी बहस ही सुनते रहे। इसके पहले कमेटी काफी देर तक चंपू के वकील का ही इंतजार करती रही और पीडितों की ओर से वकीलों ने आपत्ति ली, इस पर चंपू ने बताया कि मेरे वकील आ रहे हैं, लेकिन जब उन वकील से पीड़ितों के वकील ने टेलीफोन पर बात की तो उन्होंने मना कर दिया कि मैं उनका वकील ही नहीं हूं।
सुनवाई के दौरान चुग, वाधवानी सभी के नाम कमेटी के सामने आए
कमेटी ने कंपनी के डायरेक्टरों से पूरी कहानी सुनी, इस दौरान गर्ग, चंपू बार-बार लड़ते रहे। गर्ग ने कमेटी पर पक्षपात के आरोप लगाए तो कमेटी ने बुरी तरह डांट दिया। इसके बाद गर्ग शांत हुए। वहीं कमेटी के सामने कंपनी नारायण एंड अम्बिका इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रालि के डायरेक्टर तौर पर रितेश उर्फ चंपू अजमेरा, योगिता अजमेरा, भगवानदास होतवानी, रश्मि गर्ग व एवलांच रियलिटी के नितेश चुग, महेश वाधवानी के साथ कैलाश गर्ग की आपसी मिलीभगत की बात आई। सभी ने इसके लिए एक-दूसरे पर ही आरोप लगाए।
यहां पर है 71 शिकायतें, निराकरण केवल 27 का ही हुआ था
सेटेलाइट को लेकर प्रशासन की कमेटी के पास 71 शिकायतें आई थी जिसमें रजिस्ट्री वाली 49 और रसीद वाले 22 थे, रजिस्ट्र वाले ही केवल 27 के निराकरण होना बताया गया, बाकी रसीद के कोई केस नहीं निपटे।