संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर विधानसभा एक के विधायक कैलाश विजयवर्गीय को बीजेपी आलाकमान के साथ ही सीएम डॉ. मोहन यादव का पूरा सपोर्ट मिल गया है। जिस विभाग को उनके लिए सबसे योग्य माना जाता था नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास, वो उन्हें दे दिया गया है। अब इंदौर ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश के शहरों का विकास का जिम्मा उनके हवाले हो गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हो या इंदौर-भोपाल की मेट्रो की बात, मास्टर प्लान लागू करना हो या फिर शहरों में अवैध कॉलोनियों को वैध करना, ये सभी अब विजयवर्गीय के हवाले हैं।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव पूरी तरह मजबूत
इंदौर के लिए सबसे अहम अब इंदौर नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव पूरी तरह से मजबूत हो गए हैं। सीएम मोहन यादव के साथ कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव की तिकड़ी से इंदौर काफी उम्मीदें होने वाली हैं। इस तिकड़ी को प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का पूरा साथ है।
दूसरी बार नगरीय प्रशासन मंत्री बने हैं विजयवर्गीय
साल 2003 में बनी बीजेपी की सरकार में विजयवर्गीय को धार्मिक न्यास, बंदोबस्ती और पुनर्वास विभाग दिया गया था। 27 अगस्त 2004 को लोक निर्माण मंत्री के रूप में फिर से बाबूलाल गौर के मंत्रिपरिषद में शामिल हो गए थे। 4 दिसंबर को शिवराज सिंह चौहान की मंत्रिपरिषद में फिर से शामिल किया गया। विजयवर्गीय ने लोक निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साथ ही लोक निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी, वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार, सार्वजनिक उपक्रम, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण, ग्रामोद्योग विभाग संभाले। साल 2013 में उन्हें नगरीय प्रशासन मंत्री बनाया गया, तब शहर को उनसे काफी उम्मीद थी, लेकिन तत्कालीन शिवराज सरकार में वे खुद को बंधा हुए पाते रहे। वे यहां तक बोल गए कि ठाकुर के हाथ बंधे हुए हैं। लेकिन हाथ नहीं खुले और आखिरकार वे राष्ट्रीय महासचिव बनकर केंद्र की राजनीति में चले गए और जुलाई 2015 में पद से इस्तीफा दे दिया। अब उसी पद पर 8 साल 5 महीने बाद उनकी वापसी हुई है।
तुलसी को दूसरी बार मिला जल संसाधन मंत्रालय
इंदौर की सांवेर विधानसभा से विधायक तुलसी सिलावट को दूसरी बार जल संसाधन मंत्री बनाया गया है। इससे पहले तुलसी 2020 में शिवराज सरकार में भी जल संसधान मंत्री बनाए गए थे। 2018 में कमलनाथ सरकार में तुलसी सिलावट को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। तुलसी सिलावट तीसरी बार कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।
मेट्रो पर पहले ही दावा कर चुके विजयवर्गीय कि ये उनके कारण आई
जब मेट्रो के ट्रायल रन के लिए तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान इंदौर आए थे, तब कांग्रेस ने दावा किया था कि ये मेट्रो उनके कारण आई है और बीजेपी झूठा श्रेय ले रही है। तब विजयवर्गीय ने खुलकर कहा था कि ये प्रोजेक्ट उनके कारण आया है। उनके कार्यकाल में ही मेट्रो प्रोजेक्ट की प्लानिंग हुई। इसके साथ ही विजयवर्गीय ने विकास के लिए हमेशा दावा किया कि इंदौर में जब वे महापौर बने तब विकास होना शुरू हुआ, उनकी ही नींव पर आगे काम चला। ऐसे में निश्चित ही विजयवर्गीय का पूरा ध्यान अब मेट्रो का जल्द से जल्द कमर्शियल रन पर होगा, साथ ही इंदौर से उज्जैन कॉरिडोर पर फोकस होगा ताकि सिंहस्थ के पहले ये काम हो सके।
आईडीए के चंगुल में फंसी हैं कई कॉलोनियां, निगम की आर्थिक तंगी बड़ी चुनौती
अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कई बार बात चली, लेकिन आईडीए के चंगुल में अभी भी कई कॉलोनियां फंसी हुई हैं, जिन्हें वैध कराने के लिए आईडीए बोर्ड की मंजूरी जरूरी है। इसके साथ ही नगर निगम इंदौर के साथ ही प्रदेश के सभी निगमों की आर्थिक खस्ता हालत भी बड़ी चुनौती है। निगमों को मजबूत करने से ही आगे हाल ठीक होंगे। वहीं शहर का ट्रैफिक सुगम हो और बेहतर मास्टर प्लान लागू हो ये भी एक जिम्मा विजयवर्गीय के पास होगा।