संजय गुप्ता, Indore. इंदौर में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अब 13 साल पुराने वाक्ये को पीछे छोड़कर आगे बढ़ चुके हैं और काम करने के लिए उनके हाथ मोहन सरकार में पूरी तरह से खुल गए हैं। इस पर खुद विजयवर्गीय ने ही मुहर लगाई। सिटी बस ऑफिस में शुक्रवार को हुई बैठक के बाद मीडिया से चर्चा खत्म होते-होते जब उनसे पूछा गया कि- ठाकुर के हाथ कितने खुल गए हैं? इस पर विजयवर्गीय बोले- एकदम खुले हैं, चिंता मत करो।
क्यों उठी है यह बात, क्या हुआ था 13 साल पहले
साल 2011 में तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार में कैलाश विजयवर्गीय, महू से विधायक होकर सरकार में उद्योग मंत्री थे। तब नगर निगम इंदौर ने राज्य सरकार के 'आओ बनाएं अपना मध्य प्रदेश' की तर्ज पर 'आओ बनाएं अपना इंदौर' कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें मुख्यमंत्री चौहान भी मौजूद थे। इस मौके पर उद्योग मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर के विकास के मामले में उन्हें तो शोले का ठाकुर बना दिया गया है, उनके हाथ बंधे हुए हैं। पांच साल पहले मुख्यमंत्री ने उन्हें इंदौर को छोड़कर पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी दी थी। यही कारण है कि उन्होंने पिछले पांच वर्षो में इंदौर के विकास के मसले पर किसी तरह की रुचि नहीं ली। न तो किसी से चर्चा की और न हीं कभी अधिकारियों की बैठक बुलाई। उन्होंने आगे कहा कि छह माह के अंदर ऐसी योजना बनाई जा सकती हैं, जो इंदौर को नई पहचान देने वाली साबित होंगी। उन्होंने अपने महापौर काल का जिक्र करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी सराहना कर डाली।
फिर राज्य छोड़कर केंद्र में चले गए
इसके बाद विजयवर्गीय ने केंद्र की राजनीति की ओर कदम बड़ा दिए, हरियाणा में चुनाव की जिम्मेदारी मिली, वह चुनाव बीजेपी पहली बार जीती। इसके बाद वह मप्र में अगली सरकार में फिर नगरीय प्रशासन मंत्री बने लेकिन काम में वैसी छूट नहीं मिली, इसके बाद उन्हें बीजेपी ने राष्ट्रीय महासचिव बुला लिया और पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी दे दी। उन्होंने शिवराज सरकार से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से वह केंद्र में ही सक्रिय थे और अब मोहन सरकार बनने के बाद वह राज्य और इंदौर में एकदम सक्रिय भूमिका में आ गए।
इंदौर की बैठक, योजनाओं को वही कर रहे लीड
विजयवर्गीय इंदौर की बैठक, योजनाओं को पूरी तरह से लीड कर रहे हैं। वह केवल नगरीय प्रशासन मामलों तक खुद की सीमित नहीं रखे हुए हैं, वह हर विभाग से जुड़े कामों को लेकर बात कर रहे हैं। उनकी बैठकों में मंत्री तुलसीराम सिलावट और सांसद शंकर लालवानी के साथ अन्य विधायक भी होते हैं, वह सभी के सुझाव भी लेते हैं लेकिन लीड तो वही कर रहे हैं।
सीएम मोहन भी उन्हें जननायक बता रहे हैं
सीएम मोहन यादव के साथ उनके पुराने संबंध है और खुद सीएम भी इस बात को इंदौर में हुआ आयोजन में मंच से कहते हुए विजयवर्गीय को जननायक और भाईसाहब कहकर संबोधित कर चुके हैं। इन संबंधों के बाद इंदौर में कैलाश-मोहन दौर की शुरूआत हो चुकी है। इसके चलते शिवराज सिंह चौहान के करीबी नेता हो या अधिकारी सभी दरकिनार हो रहे हैं, उनके पास एक ही रास्ता बचा है वह इस नए दौर में आस्था बदलकर शामिल हो जाएं नहीं तो दरकिनार रहें।
दस साल की विकास की भरपाई करना चाहते हैं विजयवर्गीय
विजयवर्गीय इंदौर की राजनीति और विकास काम से दस साल से दूर रहे हैं। इंदौर के कामों में उनका दखल ना के बराबर ही हो गया था। अब वह राज्य सरकार में शामिल होकर सत्ता की मुख्य धारा में आए हैं और ऐसे में वह भी अब इंदौर के विकास में दस साल की कसर पूरी करने के लिए कमर कस चुके हैं। वह खुलकर बोल चुके हैं कि पांच साल बाद मेरे कामों का हिसाब देखना। मोहन सरकार पीएम मोदी के विजन और गारंटी को पूरा करेगी।