Bhopal. पटना हाई कोर्ट द्वारा बिहार में राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे जातिगत और आर्थिक सर्वेक्षण पर लगाई गई रोक को हटा लिया गया है। अदालत के इस फैसले पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी के मुखिया कमलनाथ ने ट्वीट किया और बीजेपी पर जोरदार हमला किया है। कमलनाथ ने सीधा-सीधा आरोप लगाते हुए लिखा कि बीजेपी जातिगत सर्वेक्षण को कानूनी तर्कों में उलझाकर पिटारे में बंद कराना चाहती थी लेकिन माननीय पटना हाई कोर्ट ने इस पर लगी रोक को हटाकर हर वंचित, शोषित के लिए सामाजिक न्याय ही नहीं बल्कि आगामी समय में आर्थिक न्याय का भी रास्ता खोल दिया है।
सामाजिक हकमारी का प्रतीक है बीजेपी
कमलनाथ ने आगे लिखा कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़े लोग जब अपने अधिकारों के लिए मिलकर एक साथ खड़े हो जाएंगे तो इन प्रभुत्ववादी सोच के चंद लोग सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाली इस गिनती-गणना के आगे कहीं नहीं टिकने वाले। कमलनाथ ने लिखा है कि जातीय जनगणना सबके हक की आनुपातिक हिस्सेदारी की राह खोलेगी और सच में लोकतंत्र की दिशा नीचे से ऊपर की ओर जाएगी। बीजेपी की सामंती सोच गैर बराबरी और दमन की रही है, इसलिए वो गरीब-कमजोर के हक को मारने के लिए जातीय जनगणना का विरोध करती रही।
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चुनाव में मजा चखाएगी जनता
कमलनाथ ने अपने ट्वीट में लिखा कि जनता जातीय जनगणना को रोकने वाली बीजेपी को अगले चुनाव में इस तरह बहिष्कार करेगी कि मतगणना के दिन न तो उनके नेता दिखाई देंगे और न ही उनके प्रत्याशी। कमलनाथ ने इसी बहाने केंद्र और मध्यप्रदेश की सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि मध्यप्रदेश में डबल इंजन की नहीं बल्कि जनता पर डबल अटैक करने वाली सरकार चल रही है। जनता की गाढ़ी कमाई की लूट और अपने कमीशन एजेंटों को छूट की डबल अटैक की रणनीति अपनाई जा रही है।
शिवराज सरकार जनता का शोषण करने की योजनाएं लाती है और केंद्र में बैठी सरकार उस पर मुहर लगाती है। ठेका और कमीशन के इस डबल गेम ने मध्य प्रदेश की जनता को डबल गड़बड़ में फंसा दिया है। प्रदेश की जनता इस झांसे को समझ गई है और डबल ताकत से इस डबल अटैक को नाकाम करने वाली है।