11 साल बाद आखिर कंचन को मिली बाल विवाह से मुक्ति, जोधपुर कोर्ट ने सुनाया शादी निरस्त का फैसला

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The Sootr CG
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11 साल बाद आखिर कंचन को मिली बाल विवाह से मुक्ति, जोधपुर कोर्ट ने सुनाया शादी निरस्त का फैसला

मनीष गोधा, JAIPUR. 11 साल से बाल विवाह का दंश झेल रही कंचन को आखिर आजादी मिल गई। जोधपुर के सारथी ट्रस्ट के प्रयासों से कंचन का बाल विवाह निरस्त हो गया। जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 ने कंचन के बाल विवाह निरस्त का फैसला सुनाया। जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के दुकान संचालक की बेटी कंचन 11 साल पहले 7 साल की उम्र में बाल विवाह की बेड़ियों में जकड़ गई थी। कंचन जब बड़ी हुई तो उसे खुद के बाल विवाह के बारे में पता चला जिस वजह से वो तनाव में रहने लगी। इसी दौरान ससुराल वाले भी कंचन का गौना करवाने का दबाव बनाने लगे।



सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति का साथ, कोर्ट में दी दस्तक



कंचन के भाई को सारथी ट्रस्ट की डॉ. कृति भारती की बाल विवाह निरस्त कराने की मुहिम के बारे में पता चला। कंचन और उसके भाई ने डॉ. कृति भारती के मुलाकात की और अपनी पीड़ा बयां की। कंचन के बाल विवाह निरस्त का मामला जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में दायर किया गया।



बिरादरी से बाहर कर लाखों का जुर्माना लगाया



कंचन के पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त का केस दायर करना कुछ जाति पंचों को नागवार गुजरा। जाति पंचों ने कंचन, उसके परिजन और कुछ सहयोगियों को जाति से बाहर करने का फरमान सुना दिया। वहीं लाखों रुपए का जुर्माना भी लगा दिया। कृति भारती की काउंसलिंग के बाद कई जाति पंच कंचन के पक्ष में आ गए और कंचन के परिजन को बिरादरी में वापस शामिल कर दिया। वहीं कंचन के बाल विवाह निरस्त पर भी सहमति जता दी।



बाल विवाह निरस्त करने का फैसला



पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में कंचन की ओर से चाइल्ड एंड वुमेन राइट्स एक्टिविस्ट एवं एडवोकेट डॉ.कृति भारती ने पैरवी कर बाल विवाह और आयु संबंधी तथ्यों से अवगत करवाया। इस बीच डॉ. कृति की काउंसलिंग और वर पक्ष के वकील प्रकाश पंवार के सकारात्मक सहयोग से दोनों पक्षों में सहमति भी बन गई जिसके बाद पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 के न्यायाधीश मुज्जफर चौधरी ने कंचन के महज 7 साल की उम्र में 11 साल पहले हुए बाल विवाह को निरस्त करने का फैसला सुनाया। न्यायाधीश चौधरी ने समाज को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि बाल विवाह का दंश कई पीढ़ियों तक झेलना पड़ता है। मासूमों पर बाल विवाह के जुर्म को रोकने में सबको साथ मिलकर जिम्मेदारी निभानी होगी। इस मामले में कृति भारती का कहना है कि कंचन को बाल विवाह से मुक्ति मिल गई हैं। मेरा सपना है कि बाल विवाह केवल इतिहास की किताबों में दफन हो। वहीं कंचन का कहना है कि कृति दीदी की मदद से मेरा बाल विवाह निरस्त हो गया है। मैं बहुत खुश हूं। अब मैं अपने सपने पूरे करूंगी।



50 बाल विवाह निरस्त करने का दावा



सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती का दावा है कि वे प्रदेशभर में अब तक 50 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवा चुकी हैं। बाल विवाह निरस्त की अनूठी मुहिम के लिए डॉ. कृति भारती का नाम 9 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड्स बुक्स में दर्ज हो चुका है। डॉ. कृति भारती ने लागतार 7 सालों से आखातीज के दौरान बाल विवाह निरस्त करवाने के अनूठा रिकॉर्ड कायम कर रखा है। डॉ. कृति की साहसिक मुहिम को सीबीएसई पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया। डॉ. कृति भारती का नाम वर्ल्ड टॉप टेन एक्टिविस्ट, बीबीसी 100 वुमन सूची में शुमार है। वहीं उन्हें मारवाड़ और मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।


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