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संजय गुप्ता, INDORE . इंदौर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के बाद कई टीआई और ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल पर कार्रवाई की लटक रही तलवार हट गई है। द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार खाकी का मान रखा जाएगा और अब पुलिस पर अब कोई सख्त कार्रवाई इस मामले में नहीं की जाएगी। सूत्रों के अनुसार जांच अधिकारी एडीजी विपिन माहेशवरी ने दोनों पक्षों को सुनने, वीडियो देखने व अन्य घटनाक्रम को समझने के बाद इस मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा दोनों की ही स्थिति बता दी है। साथ ही पुलिस कमिशनर मकरंद देउस्कर ने भी उच्च स्तर पर बात कर ली थी कि टीम कैप्टन होने के नाते जिम्मेदारी उनकी है, यदि अब कोई कार्रवाई करना है तो उनपर की जाए, अधिक सख्ती से टीम का मनोबल टूटेगा और लॉ एंड आर्डर को लेकर समस्याएं पैदा होंगी। उधर शुक्रवार (23 जून) को पुलिस द्वारा चलाए गए खाकी का भी मान है ना अभियान ने, बीजेपी सरकार को चेता दिया। इसके बाद बड़े स्तर पर हुई चर्चा में इस बात पर सहमति बनी है कि फिलहाल शांति बरती जाए।
यह बात समझाने में सफल रहे जांच अधिकारी
सूत्रों के अनुसार सीएम को यह बात समझाने में जांच अधिकारी माहेशवरी सफल रहे हैं कि इस मामले में पहले ही बड़ी कार्रवाई हो चुकी है। डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया को लूपलाइन भेजा जा चुका है, किसी घटना में आईपीएस को हटाना पहले ही बड़ा संदेश होता है, फिर एसीपी पूर्ति तिवारी की पेंडिंग लंबी छुट्टी को मंजूर कर लिया गया है। उन्हें अब लंबे समय तक ड्यूटी पर नहीं आना है। हालांकि यह छुट्टी घटना के पहले मांगी हुई थी, लेकिन घटना के बाद ही इसे तत्काल स्वीकृत किया गया। वहीं टीआई पलासिया संजय सिंह बैंस को तत्काल लाइन अटैच कर दिया गया। ऐसे में लॉ एंड आर्डर के लिए आए टीआई एमजी रोड, संयोगितागंज, तुकोगंज और छोटी ग्वालटोली और उनके पुलिस बल पर कार्रवाई करना गलत संदेश जाएगा।
चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा को संगठन ने नहीं दी मंजूरी
यही बात बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा भी विश्व हिंदू परिषद व अन्य हिंदू संगठनों के प्रमुखों को बताई गई है। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के इंदौर विभाग द्वारा रविवार से शुरू किए जा रहे चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा को मंजूरी नहीं दी गई, जिसके बाद इसे वापस ले लिया गया। इसके पहले घोषणा हुई थी नशे के खिलाफ रविवार को बजरंग दल के पदाधिकारी रीगल पर जनजागरण के लिए तख्तियां लेकर खड़े होंगे और फिर यह क्रम रोड चलेगा, साथ ही बड़े आंदोलन की भी तैयारी थी। जिसे प्रांत स्तर पर ही मंजूरी नहीं दी गई, जो बताता है कि दोनों ओर से सहमति के प्रयास सही दिशा में जा रहे हैं।
अब सब कुछ 30 जून से दो जुलाई की बैठक के बाद तय होगा
इस मामले में अब अगला जो भी फैसला होगा वह 30 जून से दो जुलाई तक इंदौर में वीएचपी की मालवा प्रांत की होने वाली बैठक में ही होगा। तब तक सरकार भी पीएम मोदी की यात्रा से फ्री हो जाएगी। वहीं, रायपुर में हो रही वीएचपी की राष्ट्रीय बैठक भी हो चुकी होगी। इस मामले में 28 से 30 जून के बीच में दोनों पक्षों की ओर से सभी बातों पर सहमति बना ली जाएगी। ताकि वीएचपी को भी प्रांत बैठक में इस मामले में अपने पदाधिकारियों को साफ संदेश देने में आसानी होगी कि उन्हें अगले छह माह किस दिशा में आगे बढ़ना है। यदि किसी स्तर पर सरकार और संगठन के बीच फिर विरोधाभास आया तो फिर संगठन नए सिरे से आंदोलन की रूपरेखा बनाएगा नहीं तो वह मुख्य रूप से अपना फोकस लव जिहाद, धर्मांतरण, नशाखोरी, यूनिफार्म सिविल कोड पर ही केंद्रित रखेगा और यही मुद्दे लेकर आगे मालवा प्रांत में उतरेगा। पुलिस व सरकार के खिलाफ जाने वाली बातों से दूरी बनाकर चला जाएगा।