BHOPAl. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का सागर दौरा टल गया है। उन्हें 13 अगस्त को आना था। खड़गे के कार्यक्रम से एक दिन पहले 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सागर दौरा है। अब इसे लेकर सियासत हो रही है। कांग्रेस ने कहना है कि षडयंत्र के कारण खड़गे का दौरा टलना पड़ा है। जवाब में बीजेपी ने कहा कि पीएम का सागर कार्यक्रम पहले से तय था।
यहां बात दें, प्रधानमंत्री सागर में संत रविदास मंदिर निर्माण का भूमिपूजन करने आ रहे हैं। बडतूमा गांव में बनने वाला यह मंदिर 100 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। सरकार ने 11 एकड़ जमीन दी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसी साल 8 फरवरी को संत रविदास मंदिर और स्मारक निर्माण की घोषणा की थी। मंगलवार (25 जुलाई) से मंदिर निर्माण के लिए BJP ने संत रविदास समरसता यात्राएं भी शुरू कर दी हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का कार्यक्रम प्रभावित करने बनाय पीएम का दौरा
इधर, कांग्रेस का आरोप है कि खड़गे का कार्यक्रम प्रभावित करने के लिए PM का दौरा 12 अगस्त को तय किया गया। पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, 'कांग्रेस की ओर से जैसे ही खड़गे जी की यात्रा का प्रोग्राम बना, इसके दो दिन बाद ही बीजेपी ने घबराकर पीएम की सभा रख ली। ये चाहते हैं कि एक दिन पहले PM की सभा करा कर सारे रास्ते रोक लिए जाएं और सुविधाएं छीन ली जाएं। दूसरे दिन खड़गे जी आएं तो साधन विहीन सभा हो।'
पूर्व मंत्री ने कहा, 'यह घिनौना षड्यंत्र है। इन लोगों (BJP) की यात्राएं ढकोसला हैं। ये लोग कभी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बताए रास्ते पर नहीं चल सकते।'
बीजेपी ने कहा- ये कुछ भी बोलते हैं
कांग्रेस के आरोप पर BJP के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, 'इनके पास न जमीन है, न कुछ बचा है, हवा में घूम रहे हैं। हवा में मुख्यमंत्री और न जाने क्या-क्या बन जाते हैं। सज्जन सिंह वर्मा की बात का जवाब देना भी मैं बहुत अच्छा नहीं मानता, क्योंकि ये कुछ भी बोलते हैं।' वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'हमें कांग्रेस से तारीफ की उम्मीद नहीं है, हम चाहते भी नहीं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर निर्माण की घोषणा पहले ही कर दी थी।'
BJP प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा, 'खड़गे जी को अपने कार्यक्रम को प्रीपोन (तय तारीख से पहले) कर लेना चाहिए। वे जिस बिरादरी से आते हैं, उस समाज के लिए ऐतिहासिक काम होने वाला है। कांग्रेस अध्यक्ष को मंदिर के भूमिपूजन में शामिल होना चाहिए।