Gwalior. ग्वालियर में राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों के बीच कारसवार 4 बदमाशों द्वारा एक नाबालिग छात्रा की किडनैपिंग के मामले में पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया था। कहा जा रहा था कि कारसवारों ने छात्रा को बेहोशी की दवा सुंघाकर उसे अपने साथ ले गए, छात्रा को जब होश आया तो उस वक्त कार सवार कार के बाहर खड़े होकर धूम्रपान कर रहे थे, मौका पाकर छात्रा कार से भागकर एक कॉलोनी में पहुंची, तब उसे पता चला कि वह डबरा में है। जहां से उसने किसी तरह अपने पिता को फोन लगाया। इस सनसनीखेज कहानी की जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि यह पूरी कहानी मनगढ़ंत थी और छात्रा ने पढ़ाई के डर से यह पूरा मामला गढ़ा था।
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डबरा थाने ने दर्ज कर लिया था मामला
इस सनसनीखेज वारदात को जब छात्रा ने डबरा पुलिस के सामने बयान किया तो पुलिस ने तत्काल जीरो पर एफआईआर कर दी। केस मुरार थाने भेजा गया क्योंकि छात्रा ने यह वारदात मुरार के हुरावली लिंक रोड पर होना बताया था। पुलिस ने बिना देरी किए सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरु कर दिए। मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया लेकिन इस बीच जब छात्रा ने कोर्ट में बयान दिए तो मामले से पर्दा उठ गया।
पढ़ाई के डर से बोला था झूठ
अदालत में अपने बयान में छात्रा ने बताया कि वह पढ़ाई से डरकर खुद डबरा पहुंची थी और फिर यह झूठी कहानी रची थी। ताकि डर के चलते परिवार वाले उसकी पढ़ाई बंद करा दें। मुरार पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उसमें भी छात्रा अकेली जाती दिखाई दे रही थी।
परिवार बनाता था पढ़ाई करने का प्रेशर
पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो फिर छात्रा को पूछताछ के लिए बुलाया था, कड़ाई से की गई पूछताछ में उसने सच उगल दिया। छात्रा ने बताया कि उसका परिवार पढ़ाई के लिए काफी ज्यादा प्रेशर देता है। तंग आकर उसने अपहरण की झूठी कहानी बनाई, उसे लगा था कि इस घटना के बाद परिवार वाले उसे स्कूल ही नहीं भेजेंगे और उसे पढ़ाई से छुटकारा मिल जाएगा।