UJJAIN. उज्जैन के महाकाल मंदिर में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। जिससे यहां लड्डू प्रसादी की बिक्री में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। सावन के पिछले 19 दिनों में ही यहां लड्डू प्रसादी की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। इन दिनों में अब तक तीन करोड़ रुपए से अधिक के लड्डू बिक चुके हैं। वहीं करीब 9,200 किलो लड्डू श्रद्धालु अपने साथ ले गए हैं। आंकड़े बताते हैं पिछले सात महीने में 27 करोड़ 82 लाख रुपए से अधिक का 7.73 लाख किलो लड्डू प्रसादी महाकाल मंदिर समिति से भक्तों ने खरीदा है। इसकी मुख्य वजह, महाकाल मंदिर में महाकाल लोक बनने से बढ़ी भक्तों की संख्या को माना जा रहा है। महाकाल लोक के निर्माण के बाद से यहां पहुंचने वालों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है।
सावन में इस बार और बढ़ेगी भक्तों की संख्या
बीते सात महीने की बात करें, तो 27 करोड़ 82 लाख रुपए से अधिक का 7 लाख 73 हजार किलो लड्डू प्रसादी महाकाल मंदिर समिति से भक्तों ने खरीदा है। महाकाल लोक के निर्माण के बाद महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन को आने वाले भक्तों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। इस साल श्रावण माह अधिक मास होने के कारण दो माह का रहेगा। यहां सावन के दिनों में भक्तों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
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सावन महीने में अब तक 40 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
4 जुलाई से शुरू हुए सावन महीने से लेकर 24 जुलाई तक 21 दिन में महाकाल मंदिर में 40 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा मंदिर में लगी हेड काउंटिंग मशीन में दर्ज है। सोमवार 24 जुलाई को ही सुबह भस्म आरती से लेकर शयन आरती तक 3 लाख 35 हजार श्रद्धालुओं ने एक दिन में दर्शन किए थे।
लड्डुओं को बनाने में शुद्धता पर विशेष फोकस
महाकाल मंदिर प्रबंधन के मुताबिक, 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी ने 856 करोड़ रुपए से बनने वाले महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण किया था। इसके बाद से ही बड़ी संख्या में देशभर से भक्त भगवान महाकाल के मंदिर में पहुंच रहे हैं। यहां आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु अपने साथ थोड़ी बहुत मात्रा में लड्डू प्रसाद जरूर ले जाता है। यहां के लड्डू को भारत सरकार की संस्था फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने हाइजीन के लिए फाइव स्टार रेटिंग दी है। महाकाल मंदिर में मिलने वाले लड्डुओं को बनाते समय शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। 1 जनवरी 2023 से 20 जुलाई 2023 के बीच प्रतिदिन औसत साढ़े 6 क्विंटल लड्डू प्रसादी की बिक्री महाकाल मंदिर ने की है। अब तक मंदिर समिति 27 करोड़ 82 लाख रुपए का लड्डू प्रसादी बेच चुकी है। एक जुलाई से 19 जुलाई के बीच 9,200 किलो लड्डू की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। करीब 46 क्विंटल लड्डू प्रतिदिन बिका है। 19 दिन में महाकाल मंदिर समिति की लड्डू प्रसादी से 3 करोड़ 70 लाख रुपए की आय हुई है।
रोज बनते हैं 50 से 60 क्विंटल लड्डू
महाकालेश्वर मंदिर में शुद्ध घी और बेसन से बने लड्डू प्रसाद की बिक्री की जाती है। यहां प्रतिदिन 50 से 60 क्विंटल लड्डू बनता है। किसी भी पर्व से एक दिन पहले इन्हें बना लिया जाता है। यह लड्डू प्रसाद 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के पैकेट में उपलब्ध रहता है। एक माह पहले महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की हुई बैठक में लड्डू प्रसादी के रेट बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद लड्डू प्रसाद 360 रुपए की बजाय 400 रुपए किलो मिलने लगा। लड्डू प्रसाद के दाम में 40 रुपए किलो की बढ़ोतरी कर दी गई।
मंदिर समिति के मुताबिक लड्डू प्रसाद का विक्रय बिना लाभ-हानि के किया जाता है। वर्तमान में लड्डू प्रसाद बनाने में समिति को 400 रुपए 80 पैसे प्रति किलो का खर्च आ रहा है। भाव बढ़ने के बाद प्रसाद के पैकेट के भाव 100 ग्राम 50 रुपए, 200 ग्राम 100 रुपए, 500 ग्राम 200 रुपए और एक किलो प्रसाद की कीमत 400 रुपए हो गई है।
इस तरह बनने हैं लड्डू
16 साल से लड्डू प्रसादी तैयार करने वाले राजू हलवाई बताते हैं, लड्डू बनाने से पहले एक बार में 20 किलो बेसन, 5 किलो रवा को 20 किलो देसी घी में मिलाकर भट्टी की तेज आंच पर सेंका जाता है। डेढ़ से दो घंटे तक यह प्रक्रिया चलती है। सिकाई के दौरान इस मिश्रण को कड़छे से लगातार मिलाया जाता है। इसके बाद बेसन को बड़ी सी ट्रे में रखकर ठंडा किया जाता है। इसमें 24 घंटे का समय लगता है। ठंडा होने पर इसमें पिसी हुई शकर, इलायची व ड्रायफ्रूट मिलाया जाता है। हाथों से इसे अच्छी तरह से मिलाने के बाद लड्डू का मिश्रण तैयार हो जाता है।
लड्डू के लिए लगा रहे ऑटोमैटिक मशीन
मंदिर प्रबंधन ने बताया कि महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी की डिमांड जिस तरह से बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए मंदिर समिति जल्द ही लड्डू बनाने के लिए एक ऑटोमैटिक मशीन का प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मशीन से रोजाना 500 से 700 क्विंटल लड्डू बनाया जा सकेगा। फिलहाल, मंदिर समिति का चिंतामन मंदिर के पास बड़ा प्लांट है, जिसमें करीब 100 कर्मचारी काम करते हैं। यहां प्रतिदिन 50 से 60 क्विंटल ही लड्डू बन पाता है।